सार
इल्कर अइसी (Ilkar Ayci) ने एअर इंडिया (Air India) के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Air India New CEO) बनने के टाटा संस के ऑफर को ठुकरा दिया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार अइसी को टाटा संस (Tata Sons) ने घाटे में चल रहे नेशनल करियर का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था।
बिजनेस डेस्क। टर्किश एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन इल्कर अइसी (Ilkar Ayci) ने एअर इंडिया (Air India) के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Air India New CEO) बनने के टाटा संस के ऑफर को ठुकरा दिया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार अइसी को टाटा संस (Tata Sons) ने घाटे में चल रहे नेशनल करियर का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था। एक अप्रैल से अइसी अपना पद संभालने वाले थे, लेकिन जब से उनकी नियुक्ति की खबरें सामने आई, तभी से ही भारतीय मीडिया की ओर से उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे थे। उन अलकायदा और पाकिेस्तान के साथ संबंध होने के भी आरोप लगे। जिसकी वजह से उन्होंने इस को कंपनी के साथ बात करके ठुकरा दिया है।
ऑफर को स्वीकर करना सम्मानजनक फैसला नहीं होगा
आयसी ने ब्लूमबर्ग को दिए बयान में कहा कि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि इस तरह के माहौल में इस ऑफर को स्वीकार करना संभव या सम्मानजनक फैसला नहीं होगा। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एयर इंडिया के प्रमुख के लिए अइसी की नियुक्ति की पुष्टि टाटा संस ने 14 फरवरी को की थी और उन्हें 1 अप्रैल को या उससे पहले एयरलाइन में शामिल होना था। अइसी की नियुक्ति का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध रखने वाली स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया था। अइसी का जन्म जन्म 1971 में इस्तांबुल में हुआ था। जब वह 1994-1998 के बीच इस्तांबुल के मेयर थे तो तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के सलाहकार भी थे।
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भारी मन से लिया है पूरा फैसला
अइसी ने इस बारे में खुलकर बताया है। अइसी ने कहा कि इंडियन मीडिया उनकी नियुक्ति पर लगातार सवाल उठा रही थी। ऐसे माहौल में पद को संभालना या उससे पहले इस ऑफर को एक्सेप्ट करना मेरे लिए काफी मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप ने फरवरी में मेरी नियुक्ति का ऐलान किया था और उन्हें अप्रैल से पद को संभालना था। उसके बाद से मीडिया में आ रही न्यूज पर को ध्यान से पढ़ रहा था। जिनमें मुझपर काफी गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे। अइसी ने साफ कहा कि हाल ही में उनकी टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chadrasekaran) मुलाकात हुई और उन्हें अपने फैसले के बारे में साफतौर पर जानकारी दे दी है। अइसी ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय काफी भारी मन से लिया है और वो टाटा ग्रुप को भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं देते हैं।
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अइसी के बैकग्राउंड की जांच
मीडिया में खबरें आने के बाद गृह मंत्रालय भी काफी एक्टिव हो गया था। उसका कारण भी है देश की सबसे बड़ा ऐयरलाइन पहले भारत सरकार के पास था, जिसे टाटा ग्रुप को दिया गया है। अइसी के बारे में खबरें आने के बाद गृह मंत्रालय की ओर से अइसी के बैकग्राउंड की जांच करने की खबरें सामने आई। माना जा रहा था कि साल 2015 से 2021 तक टर्किश एयरलाइंस (Trukish Airlines) के सीईओ रहे अइसी के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) से हेल्प ले सकता है। वैसे अधिकारियों ने कहा है कि यह एक रुटीन प्रोसेस है और जब किसी विदेशी नागरिक को किसी भारतीय कंपनी का सीईओ नियुक्त किया जाता है तो ऐसी जांच की जाती है।