UPSC Success Story: 1st अटेम्प्ट में यूपीएससी क्रैक कर ये 5 लोग बन गए IAS
IAS Cracked UPSC First Attempt: UPSC सिविल सर्विसेज में सफलता हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं होती, लेकिन कुछ लोग अपने पहले ही प्रयास में सफल रहे। जानिए कुछ ऐसे अफसरों के बारे में जो अपने पहले अटेम्प्ट में ही यूपीएससी क्रैक कर IAS बने।

IAS रिया डाबी: बहन से प्रेरणा लेकर पहले प्रयास में क्रैक की यूपीएससी
टीना डाबी की छोटी बहन रिया डाबी ने साल 2020 में पहले प्रयास में 15वीं रैंक के साथ UPSC क्रैक किया और राजस्थान कैडर में आईएएस अधिकारी बनीं। नई दिल्ली की रहने वाली रिया ने जीसस एंड मेरी स्कूल से पढ़ाई की और लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली से पॉलिटिकल साइंसेज में ग्रेजुएशन किया। रिया रोजाना 12-13 घंटे पढ़ाई करती थीं। वह आईएएस टीना डाबी की बहन हैं।
IAS टीना डाबी: 22 साल की उम्र में AIR 1
भोपाल की टीना डाबी ने साल 2015 में 22 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में UPSC सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया। उनकी शुरुआती पढ़ाई भोपाल के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल में हुई। 12वीं में उन्होंने हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस में पूरे नंबर हासिल किए। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंसेज में ग्रेजुएशन किया।
IAS अंजू शर्मा: कभी 10वीं में हुई थी फेल, लेकिन यूपीएससी पहली बार में
जयपुर की अंजू शर्मा कक्षा 10 में केमेस्ट्री और 12वीं में इकोनॉमिक्स में फेल हो गई थीं। मगर उन्होंने इसे सीखने का मौका बनाया और साल 1991 में सिर्फ 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक कर लिया। BSc और MBA करने के बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की।
रुक्मिणी रियार: सेल्फ स्टडी से पहले अटेंप्ट में क्रैक की यूपीएससी
2011 में रुक्मिणी ने बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में UPSC पास किया और AIR 2 हासिल किया। उनकी तैयारी का राज था, NCERT किताबों का गहन अध्ययन और रोजाना न्यूजपेपर पढ़ना। रुक्मिणी ने गुरदासपुर से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में चौथी कक्षा में दाखिला लिया। अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंसेज में ग्रेजुएशन और मुंबई के TISS से मास्टर्स की डिग्री ली।
सौम्या पांडे: इंजीनियरिंग से पहले प्रयास में बनी IAS
प्रयागराज की सौम्या पांडेय ने 10वीं में 98% और 12वीं में 97.8% अंक हासिल किए। एमएनएनआईटी प्रयागराज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और साल 2016 में पहले ही प्रयास में चौथी रैंक हासिल की। कोरोना काल में ऑफिस के काम के लिए 22 दिन की बेटी को साथ ले जाकर उन्होंने सभी को प्रभावित किया था।

