Amit Kandpal IMA: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के अमित कांडपा IMA से पासआउट होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उनके पिता भी सेना में हैं। जानिए अमित कांडपाल एजुकेशन, सीडीएस एग्जाम सक्सेस समेत सेना में असफर बनने की पूरी कहानी।
Amit Kandpal IMA Success Story: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के छोटे से गांव सन्यूड़ा से निकलकर अमित कांडपाल ने भारतीय सेना में अफसर बनकर पूरे इलाके का नाम रोशन कर दिया है। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अमित कांडपाल को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिला है। उनकी इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र को गर्व से भर दिया है। जानिए अमित कांडपाल को कौन से रेजिमेंट में कमीशन मिला, उनका एजुकेशन, फैमिली डिटेल।
अमित कांडपाल को कौन से रेजिमेंट में कमीशन मिला
IMA देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के दौरान अमित कांडपाल ने बतौर अफसर भारतीय सेना में कदम रखा। कठिन सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें देश की प्रतिष्ठित सिख रेजिमेंट में कमीशन मिला। यह परेड महीनों की मेहनत, अनुशासन और धैर्य का नतीजा थी, जिसने अमित को भारतीय सेना में अफसर बनने के उनके सपने तक पहुंचाया।
पिता पहले से सेना में, बेटे ने बढ़ाया गौरव
अमित कांडपाल एक सैन्य परिवार से आते हैं। उनके पिता किशोर कांडपाल भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं और वर्तमान में रानीखेत में तैनात हैं। सेना के माहौल में पले-बढ़े अमित ने बचपन से ही अनुशासन, देशभक्ति और जिम्मेदारी को करीब से देखा, जिसने उन्हें सेना को अपना लक्ष्य बनाने की प्रेरणा दी।
अमित कांडपाल का एजुकेशन से लेकर CDS तक का सफर
अमित कांडपाल की शुरुआती पढ़ाई आर्मी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने कंबाइंड डिफेंस सर्विस (CDS) परीक्षा पास की। करीब डेढ़ साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद उनका अफसर बनने का सपना आखिरकार पूरा हुआ।
अमित कांडपाल की सफलता से गांव में जश्न का माहौल
जैसे ही अमित कांडपाल के लेफ्टिनेंट बनने की खबर गांव पहुंची, सन्यूड़ा और आसपास के इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने मिठाइयां बांटी और नए अफसर के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमित की सफलता पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा है। गांव के कई लोगों ने परिवार को बधाई दी और इसे इलाके के लिए गर्व का पल बताया।


