CBSE Board Exam 2026: सीबीएसई ने 2026 की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए नए नियम जारी किए हैं। कहा है कि छात्रों के लिए 75 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य है, इंटरनल असेसमेंट दो साल तक जरूरी है। एक्स्ट्रा सब्जेक्ट्स को लेकर भी गाइडलाइन हैं। जानिए
CBSE Board Exams 2026 Rule Changes: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 15 सितंबर को एक अहम नोटिस जारी किया है। इसमें 2026 की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स के लिए जरूरी शर्तें बताई गई हैं। यह बदलाव नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के तहत किए गए हैं। नोटिस में साफ कहा गया है कि बोर्ड एग्जाम में शामिल होने के लिए सिर्फ फॉर्म भरना काफी नहीं है, बल्कि स्टूडेंट्स को पढ़ाई और अटेंडेंस से जुड़े कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होगा।
10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम 2026 के लिए CBSE की अहम शर्तें क्या हैं?
छात्र के लिए दो साल की पढ़ाई अनिवार्य
- 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम अब सिर्फ एक साल की पढ़ाई पर आधारित नहीं माने जाएंगे।
- स्टूडेंट्स को 9वीं–10वीं और 11वीं–12वीं की पूरी दो साल की पढ़ाई करनी होगी।
- यानी, दोनों क्लासेस एक-दूसरे से जुड़ी हैं और पूरी तरह से कवर करना जरूरी है।
75 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी
- स्टूडेंट्स को रेगुलर स्कूल में कम से कम 75 प्रतिशत अटेंडेंस होना जरूरी है।
- नोटिस के मुताबिक, इंटरनल असेसमेंट अब हर विषय में अनिवार्य हिस्सा है और यह पूरे दो साल की प्रक्रिया होती है।
- अगर कोई छात्र स्कूल रेगुलर नहीं जाता, तो उसका इंटरनल असेसमेंट पूरा नहीं होगा और उसका रिजल्ट रोक दिया जाएगा।
- ऐसे स्टूडेंट्स को Essential Repeat Category में डाल दिया जाएगा।
10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम्स में अतिरिक्त विषयों के नियम
- 10वीं कक्षा में स्टूडेंट्स को 5 कॉम्पलसरी सब्जेक्ट्स के अलावा 2 अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी।
- 12वीं कक्षा में सिर्फ 1 अतिरिक्त विषय लिया जा सकता है।
- अतिरिक्त विषय भी दो साल तक पढ़ना अनिवार्य होगा।
- जिन स्कूलों ने CBSE से अनुमति नहीं ली है या जिनके पास उस विषय के लिए टीचर या लैब नहीं है, वहां के स्टूडेंट्स उस विषय को मेन या अतिरिक्त सब्जेक्ट के तौर पर नहीं ले सकते।
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बोर्ड एग्जाम कंपार्टमेंट और प्राइवेट उम्मीदवारों के लिए नियम
अगर कोई रेगुलर स्टूडेंट अतिरिक्त विषय में फेल हो जाता है या कंपार्टमेंट या Essential Repeat कैटेगरी में आता है, तो वह प्राइवेट कैंडिडेट के रूप में दोबारा परीक्षा दे सकता है। लेकिन अगर ऊपर बताए गए नियम पूरे नहीं किए गए तो प्राइवेट कैंडिडेट भी अतिरिक्त विषयों की परीक्षा में बैठने के लिए योग्य नहीं होंगे।
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