CBSE LOC 2025: सीबीएसई ने कहा है कि बोर्ड एग्जाम के लिए छात्रों की डिटेल्स और विषय कोड सही दर्ज करना जरूरी है। गलती करने पर स्कूलों को जुर्माना देना होगा। इतना ही नहीं छात्रों को गलत विषय के क्वेश्चन पेपर तक मिल सकते हैं। जानिए डिटेल।
CBSE Advisory to Schools 2025-26: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए देशभर के स्कूलों को सख्त एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि छात्रों की डिटेल्स भरते समय अगर कोई गलती हुई, तो स्कूलों को इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह नियम List of Candidates (LOC) से जुड़ा है, जो बोर्ड परीक्षाओं से पहले जरूरी प्रक्रिया होती है। CBSE का कहना है कि छोटी-सी चूक भी बच्चों के भविष्य पर भारी पड़ सकती है, इसलिए हर एंट्री करते समय पूरी सावधानी बरतना जरूरी है।
सबसे ज्यादा गलती सब्जेक्ट कोड में
CBSE ने बताया कि पिछले सालों में सबसे ज्यादा दिक्कत गलत सब्जेक्ट कोड डालने की वजह से आई थी। इस बार बोर्ड ने दोबारा चेताया है कि हर विषय का सही कोड डालना बेहद जरूरी है।
- कक्षा 10 के लिए कुछ अहम कोड- हिंदी-A (002), हिंदी-B (085), उर्दू-A (003), उर्दू-B (303), गणित स्टैंडर्ड (041), गणित बेसिक (241)।
- 'कक्षा 12 के लिए मुख्य कोड- हिंदी कोर (302), हिंदी इलेक्टिव (002), इंग्लिश कोर (301), इंग्लिश इलेक्टिव (001), संस्कृत कोर (322), संस्कृत इलेक्टिव (022), गणित (041), अप्लाइड मैथ्स (241)।
- अगर स्कूलों ने गलत कोड डाल दिए, तो छात्रों को गलत प्रश्न पत्र मिल सकता है और बाद में इसे बदला नहीं जा सकेगा।
9वीं और 11वीं के लिए भी लागू होंगे सीबीएसई के ये नियम
ये नियम सिर्फ बोर्ड क्लास यानी 10वीं और 12वीं तक सीमित नहीं हैं। CBSE ने साफ किया है कि 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भी नाम, जन्मतिथि और सब्जेक्ट कोड की एंट्री बिल्कुल सही होनी चाहिए। इसके लिए भी अक्टूबर में सुधार का मौका मिलेगा, लेकिन उसमें भी हर गलती सुधारने पर एक्सट्रा शुल्क लगेगा।
स्टूडेंट्स की अधूरी डिटेल होने पर क्या हो सकते हैं नतीजे?
बोर्ड ने चेतावनी दी है कि गलतियां करने पर इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। जिसमें-
- गलत या अधूरी डिटेल होने पर परीक्षा फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।
- स्कूलों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
- बच्चे को गलत विषय का एग्जाम देना पड़ सकता है।
CBSE ने स्कूलों को दिए सुझाव
बोर्ड ने स्कूलों और छात्रों को परेशानी से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं-
- स्कूल हर बच्चे का नाम, जन्मतिथि और सब्जेक्ट कोड एडमिशन रिकॉर्ड से मिलाकर ही भरें।
- स्टूडेंट और पैरेंट्स भी स्कूल से मिलकर अपनी डिटेल्स क्रॉस-चेक करें।
- CBSE की ऑफिशियल वेबसाइट cbse.gov.in को समय-समय पर चेक करते रहें।
- अगर कोई गलती मिलती है तो 13 से 27 अक्टूबर 2025 के बीच दिए गए करेक्शन विंडो का सही इस्तेमाल करें।
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करेक्शन विंडो और फीस
बोर्ड ने कहा है कि 13 से 27 अक्टूबर 2025 के बीच ऑनलाइन करेक्शन विंडो खुलेगी। इस दौरान स्कूल अपनी गलतियां सुधार सकते हैं, लेकिन हर करेक्शन के लिए उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके बाद छात्रों की डिटेल्स का वेरिफिकेशन स्लिप भी निकाली जाएगी ताकि कोई अंतिम गलती न रह जाए। CBSE के मुताबिक इस बार 30 लाख से ज्यादा छात्र 2026 की बोर्ड परीक्षाओं में बैठेंगे। ऐसे में स्कूलों की जिम्मेदारी है कि बच्चों की डिटेल्स बिना गलती के दर्ज हों। अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो न सिर्फ बच्चों को दिक्कत होगी बल्कि स्कूलों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इसलिए बोर्ड ने साफ कहा है कि यह काम गंभीरता और पूरी सतर्कता के साथ किया जाए।
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