Gopichand P Hinduja Success Story: हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी हिंदुजा नहीं रहे। वे ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार के सदस्य थे। जानिए गोपीचंद पी हिंदुजा की लाइफ स्टोरी, कैसे उन्होंने एक ट्रेडिंग बिजनेस को अरबों डॉलर के ग्लोबल एम्पायर में बदला।
Gopichand Hinduja Life Story: मशहूर बिजनेसमैन और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी हिंदुजा का 85 साल की उम्र में निधन हो गया। वे हिंदुजा परिवार के दूसरे बड़े भाई थे और मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद ग्रुप की कमान उन्होंने संभाली थी। बिजनेस जगत में उन्हें प्यार से जीपी हिंदुजा के नाम से जाना जाता था। जानिए गोपीचंद हिंदुजा के एजुकेशन, करियर, नेटवर्थ, फैमिली और ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति बनने की शानदार कहानी।
गोपीचंद पी हिंदुजा की फैमिली में कौन-कौन?
गोपीचंद हिंदुजा अपने पीछे पत्नी सुनीता, बेटे संजय और धीरज, और बेटी रीता को छोड़ गए हैं। इस साल की शुरुआत में The Sunday Times Rich List 2024 ने गोपीचंद और उनके परिवार को ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार बताया था। हालांकि यह खिताब उन्होंने कई बार हासिल किया था।
गोपीचंद पी हिंदुजा का करियर और हिंदुजा ग्रुप की कहानी
गोपीचंद हिंदुजा ने 1959 में मुंबई से पारिवारिक कारोबार से जुड़कर अपने सफर की शुरुआत की। तब हिंदुजा ग्रुप एक छोटा-सा ट्रेडिंग बिजनेस था, जो भारत और पश्चिम एशिया के बीच कारोबार करता था। लेकिन उनके नेतृत्व में यह कंपनी धीरे-धीरे 20 अरब डॉलर की मल्टीनेशनल कंपनी बन गई। गोपीचंद पी हिंदुजा ने अपने करियर में कुछ बड़े फैसले लिए, जिसमें-
- 1984: Gulf Oil की खरीद। इससे हिंदुजा ग्रुप ने पहली बार ग्लोबल एनर्जी सेक्टर में कदम रखा।
- 1987: तब संघर्ष कर रही Ashok Leyland कंपनी को खरीदा और कुछ सालों में उसे भारत की टॉप वाहन निर्माता कंपनी बना दिया।
- इसके बाद ग्रुप ने पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर, फाइनेंस, मीडिया, ल्यूब्रिकेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में कदम बढ़ाया।
- भारत में बड़े पैमाने पर एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निवेश करके देश की औद्योगिक ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई।
गोपीचंद हिंदुजा का एजुकेशन क्वालिफिकेशन
गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से ग्रेजुएशन की थी। उन्हें दो विश्वविद्यालयों ने ऑनरेरी डॉक्टरेट (मानद उपाधि) दी थी। जिसमें वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ लॉ की उपाधि और रिचमंड कॉलेज, लंदन से डॉक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स की डिग्री।
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हिंदुजा ग्रुप की शुरुआत कैसे हुई?
1919 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने इस ग्रुप की नींव ईरान में रखी थी। बाद में 1979 में कंपनी का हेडक्वार्टर लंदन शिफ्ट हुआ। आज हिंदुजा ग्रुप दुनिया के कई देशों में काम कर रहा है। इस ग्रुप के कारोबार में शामिल हैं, बैंकिंग, ऑटोमोटिव, एनर्जी, हेल्थकेयर, मीडिया और डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर। ग्रुप के लगभग 2 लाख कर्मचारी दुनिया भर में काम करते हैं। भारत, ब्रिटेन, यूरोप, मिडल ईस्ट और अमेरिका में इसकी मजबूत मौजूदगी है।
गोपीचंद हिंदुजा की नेटवर्थ और विरासत
गोपीचंद हिंदुजा सिर्फ एक इंडस्ट्रियलिस्ट नहीं थे, बल्कि भारत के ग्लोबल बिजनेस सक्सेस की पहचान थे। उन्होंने दिखाया कि कैसे दूरदृष्टि और सही फैसले एक ट्रेडिंग बिजनेस को मल्टीबिलियन डॉलर एम्पायर में बदल सकते हैं। The Sunday Times Rich List 2024 के अनुसार, हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति 37 बिलियन पाउंड (करीब 3.9 लाख करोड़ से अधिक) आंकी गई थी, जिससे वे ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार बने।
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