Communication Skills Tips: आप जॉब करने वाले प्रोफेशनल हों या कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स हर किसी के लिए जरूरी है। जानिए कैसे आप अपनी बोलने की क्षमता को सुधारकर अपने करियर और पर्सनल लाइफ में सफलता पा सकते हैं।
How to Improve Communication Skills: आज के समय में डिग्री और डिप्लोमा जितने जरूरी हैं, उतनी ही अहम है आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स। चाहे आप ऑफिस में हों, क्लासरूम में हों या फिर दोस्तों के बीच, आपकी बात करने की कला ही तय करती है कि लोग आपको कितना समझते और मानते हैं। कई बार लोग बहुत टैलेंटेड होते हैं, लेकिन वे अपनी बात सामने रखने में हिचकिचा जाते हैं। नतीजा ये होता है कि प्रमोशन किसी और को मिल जाता है, बहस हार जाते हैं या फिर रिलेशनशिप्स बिगड़ जाते हैं। असल में, साफ और असरदार तरीके से बात करना किसी भी कामयाबी की कुंजी है। जानिए वो आसान तरीके, जिनसे आप भी अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को बेस्ट बना सकते हैं।
बातों को घुमाने-फिराने के बजाय सीधी बात करें
बातों को घुमाने-फिराने से बचें। जितना हो सके उतना छोटा और स्पष्ट बोलें। पहले सोचें कि किसे क्या कहना है, फिर उसी हिसाब से शब्द चुनें।
बोलने से पहले अपने बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देना जरूरी
चेहरे के हाव-भाव, हाथों के इशारे और बैठने का अंदाज आपकी बातों से ज्यादा कुछ कह सकते हैं। अच्छा बॉडी लैंग्वेज आपकी पर्सनालिटी को और मजबूत बनाता है।
टोन से पड़ता है बातचीत पर गहरा असर
आपकी आवाज का उतार-चढ़ाव और बोलने का अंदाज सामने वाले पर गहरा असर डालता है। सही टोन रखने से बहस भी आराम से खत्म हो सकती है, जबकि गलत टोन से छोटी बात भी बड़ी हो जाती है।
कोई भी जवाब देने से पहले पूरी बात सुनें
अच्छा कम्युनिकेटर सिर्फ बोलता ही नहीं, बल्कि ध्यान से सुनता भी है। सामने वाले की बात पूरी सुनकर ही जवाब दें, इससे बातचीत का असर दोगुना हो जाएगा।
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प्रेजेंटेशन या ऑफिस मीटिंग के लिए पहले से तैयारी करें
इंटरव्यू, प्रेजेंटेशन या ऑफिस मीटिंग, इन सबमें तैयारी बेहद जरूरी है। सोचकर जाएं कि आप क्या कहेंगे और कौन-से सवाल सामने आ सकते हैं।
दूसरों की बातें समझने के लिए खुद को समझा भी जरूरी
अपनी भावनाओं को पहचानना और उन्हें कंट्रोल करना सीखें। जब आप खुद को समझेंगे, तभी सामने वाले के हालात और इमोशन्स को सही से पकड़ पाएंगे। वर्कप्लेस पर कम्युनिकेशन क्लियर रखने के लिए टीम के साथ तय करें कि कब चैट करना है, कब मीटिंग करनी है और कब ईमेल करना है। इससे गलतफहमी से बचा जा सकेगा।
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