जुवाना अब्दुल्ला की प्रेरणादायक कहानी: केरल की रहने वाली 47 साल की जुवाना अब्दुल्ला, जो 4 बच्चों की मां हैं, ने पहले ही प्रयास में NEET परीक्षा पास कर ली है। डॉक्टर पति और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे बच्चों से प्रेरणा लेकर वह डेंटल डॉक्टर बनने की राह पर।
47 साल की उम्र में जुवाना ने पास की NEET परीक्षा
डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने वाली मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए NEET परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसे पास करने के लिए छात्र दिन-रात पढ़ाई में लगे रहते हैं। फिर भी, कई लोग यह परीक्षा पास नहीं कर पाते और डॉक्टर बनने का सपना छोड़ देते हैं। लेकिन यहां एक 4 बच्चों की मां ने अपनी पढ़ाई छोड़ने के ठीक 25 साल बाद फिर से पढ़ना शुरू किया और 47 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यह NEET परीक्षा पास कर ली। यह उपलब्धि हासिल करने वाली मां का नाम केरल की जुवाना अब्दुल्ला है।
साल 2000 में जब उनकी शादी हुई, तो उन्होंने सिर्फ अपना घर ही नहीं छोड़ा था, बल्कि शादी के लिए अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ दी थी। जब उनकी शादी हुई, तब वह मेडिकल फार्माकोलॉजी में मास्टर्स कर रही थीं। लेकिन 4 बच्चों के जन्म के 25 साल बाद, 47 साल की उम्र में, उन्होंने अपनी पढ़ाई वहीं से फिर से शुरू की, जहां उन्होंने छोड़ी थी। 2022 में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने NEET परीक्षा में बैठने के लिए 25 साल की आयु सीमा की शर्त को हटा दिया, जिससे जुवाना के सपने को भी पंख लग गए।
इनके चारों बच्चे भी MBBS स्टूडेंट हैं और पति भी डॉक्टर हैं
इसलिए, NEET परीक्षा पास करने के बाद, जुवाना अब बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कर रही हैं। और भी खास बात यह है कि उनके चारों बच्चे भी MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि उनके पति भी एक डॉक्टर हैं। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों न वह भी अपने पति और बच्चों की तरह एक डॉक्टर बनें। इसी सोच के साथ उन्होंने NEET परीक्षा देने का फैसला किया और जब रिजल्ट आया, तो वह पास हो गईं। इस तरह, डॉक्टर बनने का उनका सपना अब सच होने की राह पर है।
जुवाना मूल रूप से कासरगोड के कोट्टाचेरी की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि जब वह इस उम्र में NEET परीक्षा देने गईं, तो उन्हें एक अलग ही अनुभव हुआ। पेरिया पॉलिटेक्निक में बने NEET परीक्षा केंद्र पर जब वह परीक्षा देने पहुंचीं, तो वहां के सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें एक छात्र का अभिभावक समझ लिया और कहा कि यहां सिर्फ छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता है। इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं भी परीक्षा देने आई एक छात्रा हूं और परीक्षा हॉल में चली गईं। उन्होंने कहा, "परीक्षा से पहले मैंने एक छोटी सी प्रार्थना की। मुझे यकीन नहीं था कि मैं परीक्षा पास कर पाऊंगी, लेकिन यह मेरा बहुत पुराना सपना था और उस सपने को पूरा करने का रास्ता खुल गया था।"
जुवाना कान्हांगद के शुरुआती कपड़ा व्यापारियों में से एक, पी.वी. कुंहामद हाजी की पोती हैं। वह पूर्व लायंस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के. अब्दुल रसिक और आसियुम्मा की दूसरी बेटी हैं। उनके पिता हमेशा चाहते थे कि उनके दोनों बच्चे डॉक्टर बनें, लेकिन उनकी बड़ी बहन शैबाना ने जूलॉजी की पढ़ाई करने का फैसला किया।
कान्हांगद के लिटिल फ्लावर स्कूल से स्कूली शिक्षा और कोझिकोड के एमईएस कॉलेज से पीयू की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने जूलॉजी में डिग्री हासिल की और फिर मेडिकल फार्माकोलॉजी में पोस्ट-ग्रेजुएशन शुरू किया। इसी दौरान उनकी शादी कान्हांगद में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. के.पी. अब्दुल्ला से हो गई।
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