सार
NEET UG 2024 SC Hearing: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 22 जुलाई को एनईईटी यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने नीट के एक आपत्ति वाले प्रश्न का सही उत्तर बताने का जिम्मा आईआईटी दिल्ली को दिया है।
NEET UG 2024 SC Hearing: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज, 22 जुलाई को एनईईटी यूजी परीक्षा दोबारा कराने और परीक्षा के संचालन में कथित कदाचार की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। इससे पहले एनटीए ने रविवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक नया हलफनामा दायर किया, जिसमें आईआईटी-मद्रास के डायरेक्ट की रिपोर्ट के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया गया। बता दें कि आईआईटी-मद्रास की एनालिसिस रिपोर्ट के अधार पर ही केंद्र ने एनईईटी यूजी 2024 के संचालन में बड़े लेवल पर लीक और सिस्टम की विफलता के दावों का खंडन किया है। 22 जुलाई की सुनवाई में नीट यूजी में पूछे गये क्वेश्चन नंबर 19 के अस्पष्ट ऑप्शन मामले में कोर्ट ने IIT दिल्ली को उस सवाल का सही जवाब 23 जुलाई को 12बजे तक बताने का जिम्मा सौंपा है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आगे बढ़ेगी।
NEET UG 2024 SC Hearing Watch here live
IIT दिल्ली को प्रश्न 19 का सही उत्तर बताने का जिम्मा, कल तक का समय
एक सवाल के दो आंसर के लिए फुल मार्क्स देने के एनटीए के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए ने जो किया उससे 4 लाख स्टूडेंट्स फायदा मिला है। इसके बाद CJI ने उन सभी वकीलों को ईमेल के जरिए लिखित सबमिशन देने के लिए कहा है, जो NEET Re-Exam की मांग कर रहे हैं। क्वेश्चन नंबर 19 मामले पर कोर्ट ने कहा कि IIT Delhi के डायरेक्टर तीन लोगों की एक एक्सपर्ट कमेटी बनाएं और 23 जुलाई दोपहर 12 बजे तक इस क्वेश्चन का सही उत्तर बताएं। इससे पहले CJI ने SG से पूछा कि स्टूडेंट्स को NCERT के नए एडिशन को फॉलो करना है या पुराने एडिशन को। SG ने कहा नये एडिशन को तब सीजेआई बोले दूसरा विकल्प चुनने वालों को फुल मार्क्स देकर आप अपने ही नियम के खिलाफ जा रहे हैं। आप दोनों उत्तर को सही उत्तर नहीं बता सकते थे।
एक सवाल डिलीट होना चाहिए, जिसमें दो उत्तरों के लिए दिये गये फुल मार्क्स
नीट यूजी में 711 मार्क्स हासिल करने वाली एक नीट स्टूडेंट ने एक सवाल को यह कह कर चुनौती दी थी कि सवाल के विकल्प अस्पष्ट थे। इसलिए उसने सवाल अटेंप्ट नहीं किया क्योंकि उसे निगेटिव मार्किंग का डर था। लेकिन बाद में उस सवाल के लिए एनटीए ने अटेंप्ट करने वाले 44 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स दे दिए। छात्रा के वकील ने कानपुर यूनिवर्सिटी Vs समीर गुप्ता मामले में कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने फैसला दिया था कि अगर कोई सवाल अस्पष्ट है, तो उसे डिलीट कर देना चाहिए। वकील के इस तर्क को सीजेआई ने ठोस तर्क बताया। कहा कि जब एनसीईआरटी के न्यू एडिशन के अनुसार ऑप्शन 4 सही है, तो वैसे स्टूडेंट्स को मार्क्स नहीं देने चाहिए थे जिन्होंने दूसरे ऑप्शन को चुना था।
जब 44 छात्रों को फायदा मिलने पर रद्द हो गई थी पूरी परीक्षा
सु्प्रीम कोर्ट में हेगडे ने नीट री एग्जाम कराने की अपील की। फिर वकील नेदुमपारा ने अपनी दलीलें शुरू की हैं। कहा कि 'जो परीक्षा हुई उसे प्रीलिम्स मान लिया जाए और दोबारा एक मेन एग्जाम कराया जाए। एक काउंसल ने AIPMT 2015 के तन्वी सरवल केस में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया। उस घटना के बारे में बताया जब सिर्फ 44 कैंडिडेट्स को फायदा मिलने पर कोर्ट ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम कैंसिल करने का आदेश दे दिया था।
वकील की दलील योग्य छात्रों के लिए आयोजित हो नीट री-एग्जाम
वरिष्ठ वकील हुडा ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा है कि पेपर लीक के अलावा एनईईटी यूजी के संचालन में सिस्टम की विफलता सामने आई है। उन्होंने कहा, मेरा तर्क यह है कि उनका सिस्टम इतना नाजुक है कि इससे लगातार समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दोबारा एनईईटी परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती है, तो कम से कम योग्य उम्मीदवारों को परीक्षा में दोबारा बैठने के लिए कहा जाना चाहिए, जिसमें लगभग 13 लाख छात्र होंगे।
जांच के दायरे में आने वाले सेंटर के छात्रों का स्कोर गिरा
इससे पहले 18 जुलाई को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को छात्रों की पहचान उजागर किए बिना NEET UG के सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट ऑनलाइन जारी करने का निर्देश दिया था। निर्देश के अनुसार एनटीए ने शनिवार को एनटीए की वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड भी किया था। एनटीए द्वारा शेयर किए गए डेटा से पता चलता है कि जिन उम्मीदवारों को कथित तौर पर पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से लाभ हुआ, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि कुछ स्थानों पर अच्छे स्कोरर्स की संख्या अधिक रही। वहीं जांच के दायरे में आने वाले केंद्रों, झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल, हरियाणा के झज्जर में हरदयाल पब्लिक स्कूल, गुजरात के गोधरा में जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के उम्मीदवारों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी नीचे था।
कितने बड़े लेवल पर भंग हुई परीक्षा की अखंडता इस बात पर निर्भर करेगा फैसला
18 जुलाई को अदालत ने अपनी जांच को पटना और हजारीबाग में पेपर लीक के दो विशिष्ट मामलों तक सीमित करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा का आदेश देने का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि परीक्षा की अखंडता कितने बड़े लेवल पर भंग हुई है।
24 जुलाई से शुरू होगी नीट काउंसलिंग प्रक्रिया
बता दें कि नीट यूजी परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर परीक्षा दी थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इसमें 23 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। 18 जुलाई को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि नीट यूजी एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू होगी।
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