नई दिल्ली. शारीरिक अपंगता कई बार मजबूत इरादों के सामने कमजोर पड़ जाती है। अगर इंसान ठान ले और मन के भीतर हौसला जगा ले कुछ कर गुजर जाने का तो दुनिया की सारी खुशियां और नेमतें उसके कदमों में होती हैं। ऐसी ही एक संघर्ष की कहानी है जो आपको भीतर तक झकझोर देगी। इस कहानी से देश का हर स्टूडेंट प्रभावित होगा। खासतौर पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को ये कहानी जरूर जाननी चाहिए। ये कहानी है एक दृष्टिहीन शख्स की जिसने आंखों की रोशनी के बिना देश का बड़ा अधिकारी बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी कर दिखाया।