सार
सीयूईटी यूजी 2023 में जम्मू और कश्मीर में परीक्षा केंद्र न बनाए जाने से कैंडिडेट्स में निराशा है। ऐसे में उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर से अपील की है वह जम्मू और कश्मीर में भी एग्जाम सेंटर बनाएं ताकि स्टूडेंट्स आसानी से परीक्षा दे सकें।
एजुकेशन डेस्क। सीयूईटी यूजी की परीक्षा 21 मई से 31 मई के बीच शुरू होने वाली है। एनटीए की ओर से यह प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। सभी प्रदेशों में सीयूईटी यूजी के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए सेंटर दिए हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में परीक्षा केंद्र नहीं रखे गए हैं। जम्मू कश्मीर के स्टूडेंट्स को यह परीक्षा दूसरे राज्य में जाकर देनी होगी।
जम्मू कश्मीर में एग्जाम सेंटर्स बनाने की मांग
ऐसे में जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और लेफ्टिनेंट गवर्नर से मामले में हस्तक्षेप करने और सीयूईटी के लिए जम्मू कश्मीर में भी ए्ग्जामिनेशन सेंटर बनाने की मांग की है। छात्रसंघ ने कहा है कि यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरस्टैंड (सीयूईटी यूजी) 2023 के भारत के दूसरे शहरों की तरह जम्मू और कश्मीर में भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएं।
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जम्मू कश्मीर में सेंटर न होने से स्टूडेंट्स निराश
एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने कहा है कि एनटीए की ओर से जम्मू और कश्मीर के बाहर सीयूईटी यूजी (CUET UG) एग्जाम सेंटर्स बनाने के फैसले से यहां के स्टूडेंट्स में काफी निराशा है। जम्मू कश्मीर भी अन्य शहरों की तरह भारत का हिस्सा है। ऐसे करने से काफी स्टूडेंट्स सीयूईटी यूजी की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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छूट सकती है सीयूईटी यूजी परीक्षा
उन्होंने कहा कि एनटीए के इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर तबके के स्टूडेंट्स पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। यहां रहने वाले स्टूडेंट्स पहले ही विपरीत परिस्थियों में पढ़ाई कर परीक्षा देते और अब एनटीए का यह फैसला उनपर दोहरी मार है। सीयूईटी परीक्षा केंद्रों तक जाने का खर्च न उठा पाने के कारण भी कई छात्रों को यह परीक्षा छोड़नी पड़ रही है।
छात्र संघ ने एनटीए से अपील की है कि स्टूडेंट्स की ओर से सेलेक्ट किए गए शहरों में एग्जाम सेंटर्स बनाकर अपने वादे को पूरा करे। छात्रसंघ की ओर से कहा गया है कि जो छात्र पहले से अपनी पहचान तलाशने में लगे हैं उन पर और बोझ डालना ठीक नहीं है। उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने के लिए बराबर का मौक मिलना चाहिए.
संचार के राष्ट्रीय महासचिव फैजान पीर ने भी भी लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मामले में हस्तक्षेप करने और कैंडिडेट्स के लिए जम्मू एवं कश्मीर में ही एग्जाम सेंटर्स बनाने के लिए कहा है। यह भी कहा है कि एग्जाम सेंटर्स बाहर होने पर सैकड़ों की संख्या में यहां स्टूडेंट्स की परीक्षा छूट सकती है।