सार
फ्रेंच इंस्टीट्यूट और गोवा यूनिवर्सिटी की ओर से 22 से 26 मई तक इंटरनेशनल ट्रेनिंग कैेंप शुरू किया जा रहा है। इसमें देशभर के टीचर्स के अलावा 70 देशों के टीचर्स शामिल होंगे।
एजुकेशन डेस्क। इंडिया में फ्रेंच इंस्टीट्यूट और गोवा यूनिवर्सिटी टीचर्स के लिए इंटरनेशनल ट्रेनिंग कैंप शुरू करने जा रहा है। इसे "यूनिवर्सिटी पेडागोगिक रीजनल- इंडे 2023" का नाम दिया गया है। पांच दिन के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में इंडिया के अलावा देश भर के करीब 70 फ्रांसीसी टीचर्स शामिल होंंगे।
यह ट्रेनिंग प्रोग्राम 22 मई से 26 मई तक होने वाला है। आज इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन हुआ था। मुंबई में फ्रांस के काउंसिल जर्नल जीन-मार्क शार्लेट और गोवा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हरिलाल बी. मेनन ने प्रोग्राम का उद्घाटन किया। शार्लेट ने कहा कि सीखने वालों के लिए सबसे बहतर तरीका है कि फ्रेंच शिक्षक से ट्रेनिंग दी जाए। सबसे बढ़िया ट्रेन्ड फ्रेंच भाषा के शिक्षक हैं।
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इस सप्ताह सभी पार्टिसिपेंट्स 30 घंटे की ट्रेनिंग लेंगे। ट्रेनिंग प्रोग्राम को 15-15 दिन के दो मॉड्यूल में बांटा गया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मेन उद्देश्य फ्रेंच ट्रेनिंग टेक्नीक पर फोकस करना है।
चार फ्रांसीसी और इंडियन ट्रेनर के डायरेक्शन में चलेगा प्रोग्राम
पांच दिन चलने वाला यह ट्रेनिंग प्रोग्राम चार फ्रांसीसी और एक इंडियन ट्रेनर कॉर्डिनेट करेंगे। ट्रेनिंग प्रोग्राम में फ्रेंट भाषा का किस प्रकार इस्तेमाल करना है. फ्रेंच लैंग्वेज में प्रोनान्सिएशनंस पर ध्यान देना और ट्रांसलेशन पर फोकस करने् के साथ ही बेहतर स्टडी मैटीरियल प्रोवाइ़ड कराना आदि शामिल होगा. इसके अलावा सीखने के प्रोसेस में सुधार करने संबंधी जानकारी दी जाएगी।
गोवा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मेनन ने बताया कि हमारा इंटरनेशनल फ्रेंच टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम टीचर्स को ऐसी डिवाइसेज से लैस करता है जो उन्हें सीखने का बेहतर माहौल तैयार करके देता है। फ्रेंच भाषा के शिक्षकों के लिए पहली बार इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम 2015 में आर्गेनाइज किया गया था। इस साल दोनों संस्थान इस 8वें ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर रहे हैं।