सार

हिंदी मुहावरे जीवन के गहरे दर्शन को सरल तरीके से समझाते हैं। ये रोजमर्रा के अनुभवों को सीखने का अच्छा तरीका हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं।

हिन्दी भाषा के मुहावरे केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि गहरे जीवन दर्शन को सरल और रोचक तरीके से व्यक्त करने का माध्यम हैं। ये हमें रोजमर्रा की जिंदगी के अनुभवों को समझने और सिखाने का अद्भुत तरीका प्रदान करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले ये मुहावरे न केवल हमारी भाषाई समझ को परखते हैं, बल्कि हमारे निर्णय लेने की क्षमता और जीवन के प्रति दृष्टिकोण को भी प्रभावित करते हैं। जानिए कुछ ऐसे रोचक और लोकप्रिय मुहावरों के बारे में, जिनका अर्थ और उपयोग आपको न केवल परीक्षाओं में, बल्कि जीवन में भी मदद करेगा।

मुहावरा- "आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिले न पूरी पावे"

मुहावरे का अर्थ: यह मुहावरा उन लोगों के लिए है, जो लालच के कारण अपनी मौजूदा स्थिति भी गंवा बैठते हैं। इसका मतलब है कि जो व्यक्ति लालच में आकर अपनी वर्तमान स्थिति या उपलब्धि को छोड़कर ज्यादा पाने की कोशिश करता है, वह न तो अपनी मौजूदा स्थिति को बचा पाता है और न ही उसे पूरी तरह से नया कुछ मिलता है।

मुहावरा- "कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली"

मुहावरे का अर्थ: जब दो पूरी तरह असमान व्यक्तियों, स्थितियों, या चीजों की तुलना की जाए। इस मुहावरे का उपयोग तब होता है, जब कोई दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना करता है, जिनका सामाजिक, आर्थिक या गुणात्मक स्तर एकदम अलग होता है। राजा भोज को राजा के रूप में एक उच्च स्थान प्राप्त है, जबकि गंगू तेली साधारण वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है।

मुहावरा- "खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना"

मुहावरे का अर्थ: किसी भी उपयोग या लाभ के बिना नुकसान कर बैठना। यह मुहावरा उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो किसी भी कार्य में बिना कोई लाभ उठाए, केवल हानि कर बैठते हैं। यह बेवजह नुकसान पहुंचाने की स्थिति को दर्शाता है।

मुहावरा- "दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय"

मुहावरे का अर्थ: दो ताकतवर व्यक्तियों या स्थितियों के बीच कमजोर व्यक्ति का नुकसान होना। जब दो ताकतवर पक्षों के बीच संघर्ष होता है, तो कमजोर व्यक्ति उस संघर्ष का शिकार बनता है। यह स्थिति चक्की के दो पाटों के बीच गेहूं के दानों के पिसने जैसी होती है।

मुहावरा- "गधा घोड़ा बराबर करना"

मुहावरे का अर्थ: योग्य और अयोग्य व्यक्तियों को समान मानना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है, जब किसी काम में मेहनती और आलसी व्यक्तियों को एक समान माना जाता है। इसका परिणाम अक्सर योग्य व्यक्तियों के उत्साह को खत्म करता है।

मुहावरा- "अपना हाथ, जगन्नाथ"

मुहावरे का अर्थ: आत्मनिर्भरता सबसे बड़ी ताकत होती है। इस मुहावरे का मतलब है कि इंसान को अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। अपनी मेहनत और क्षमता से ही सफलता प्राप्त होती है।

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