India Unemployment Rate September 2025: सितंबर 2025 में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 5.2% हो गई है। PLFS रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की बेरोजगारी तीन महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। गांव और शहर दोनों जगह रोजगार के मौके घटे हैं। जानिए पूरी डिटेल।
Unemployment Rate India 2025: देश में बेरोजगारी एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी मासिक पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में 15 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर हल्की बढ़त के साथ 5.2% पर पहुंच गई है। अगस्त में यह आंकड़ा 5.1% था। यानी पिछले दो महीनों से घटती बेरोजगारी सितंबर में फिर से बढ़ गई है। सबसे चिंता की बात यह है कि महिलाओं में बेरोजगारी दर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो देश में रोजगार की स्थिति को लेकर गंभीर संकेत देता है।
सितंबर 2025: बेरोजगारी दर में बढ़त, महिलाओं पर ज्यादा असर
PLFS रिपोर्ट के अनुसार, सभी आयु वर्गों में औसतन बेरोजगारी दर अगस्त के 5.1% से बढ़कर सितंबर में 5.3% तक पहुंच गई। यानी ओवरऑल बेरोजगारी तीन महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 15 साल से ऊपर के लोगों की बेरोजगारी दर अगस्त के 4.3% से बढ़कर 4.6% हो गई। शहरी क्षेत्रों में यह दर 6.7% से बढ़कर 6.8% पर पहुंच गई। इसका मतलब यह है कि गांव और शहर दोनों जगह नौकरी के अवसरों में गिरावट आई है।
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महिलाओं की बेरोजगारी 3 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर
रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के रोजगार पर असर ज्यादा पड़ा है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की बेरोजगारी दर अगस्त के 4% से बढ़कर 4.3% हो गई। वहीं पुरुषों की बेरोजगारी दर इसी दौरान 4.5% से बढ़कर 4.7% हुई। शहरी इलाकों में स्थिति और भी खराब है। रिपोर्ट के अनुसार शहरों में महिलाओं की बेरोजगारी दर सितंबर में 9.3% पर पहुंच गई, जबकि अगस्त में यह 8.9% थी। पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 5.9% से बढ़कर 6% हुआ। यानि रोजगार के मोर्चे पर महिलाओं के लिए हालात और मुश्किल बने हैं।
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लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) में बढ़ोतरी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि काम करने या काम की तलाश में जुटे लोगों की संख्या (LFPR) लगातार तीसरे महीने बढ़ी है। जून 2025 में यह दर 54.2% थी, जो सितंबर में बढ़कर 55.3% हो गई, यानी पिछले पांच महीनों में सबसे ज्यादा। ग्रामीण क्षेत्रों में LFPR जून के 56.1% से बढ़कर 57.4% हो गई। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 50.9% पर स्थिर रही। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि महिलाओं की भागीदारी दर (LFPR) सितंबर में बढ़कर 34.1% पहुंच गई, जो मई 2025 के बाद सबसे ऊंची है।
PLFS के सितंबर 2025 के आंकड़े बताते हैं कि काम की तलाश करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन नौकरियों की रफ्तार उतनी नहीं बढ़ी। इससे बेरोजगारी में हल्की बढ़ोतरी दिखी है। खासकर महिलाओं के लिए रोजगार के मौके सीमित हो रहे हैं, जबकि ग्रामीण भारत में भी बेरोजगारी ने फिर सिर उठाना शुरू कर दिया है।
