सार
MP Budget 2022-23: एमपी बजट के अनुसार, सरकार समग्र शिक्षा अभियान कार्यक्रम के लिए 3,908 करोड़ रुपए और सरकारी उच्च विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 3,160 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
करियर डेस्क: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट (MP Budget 2022) पेश किया। चुनाव से पहले पेश इस आखिरी बजट में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 10,345 करोड़ रुपये और माध्यमिक विद्यालयों के लिए 6,212 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। वहीं, सरकारी स्कूल, छात्रावास, पुस्तकालय और आवासीय खेलों के निर्माण और विस्तार के लिए 253 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। आइए आपको बताते हैं, शिवराज सरकार के पिटारे से बच्चों के लिए क्या कुछ निकला है...
क्या है बाल बजट
पहली बार शिवराज सरकार ने वार्षिक वित्तीय योजना के हिस्से के रूप में एक 'बाल बजट' पेश किया है, जिसमें शिक्षा सहित 17 विभागों के तहत 220 योजनाओं के लिए 57,800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को लक्षित किया गया है।
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बता दें कि वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। जिसमें सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 27,797 करोड़ रुपए पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 37,500 करोड़ रुपए अधिक रखे। इतना ही नहीं बजट में अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 350 करोड़ रुपये और पंचायती राज शिक्षकों के लिए 310 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान कार्यक्रम के लिए 3,908 करोड़ रुपए और सरकारी उच्च विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 3,160 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
शिक्षा बजट के मुख्य बिंदु
- अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 350 करोड़ का प्रावधान
- पंचायती राज संस्थाओं के अध्यापक और संविदा शिक्षकों के वेतन मानदेय के लिए 310 करोड़ का प्रावधान
- शासकीय स्कूल, छात्रावास, लाइब्रेरी, आवासीय खेलकूद, भवनों का निर्माण और विस्तार हेतु 253 करोड़ का प्रावधान
- अशासकीय शाला के अनुदान के लिए 200 करोड़ का प्रावधान
- शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन एवं संधारण हेतु 166 करोड़ का प्रावधान
- निशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय हेतु 109 करोड़ का प्रावधान
- हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ने-लिखने, बैठने की व्यवस्था और प्रयोगशाला के लिए 100 करोड़ का प्रावधान
- सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिए 10, 365 करोड़ का प्रावधान
- माध्यमिक शालाओं के लिए 6,212 करोड़ का प्रावधान
- समग्र शिक्षा अभियान हेतु 3,908 करोड़ का प्रावधान
- शासकीय हायर और हाई सेकेंडरी स्कूलों के लिए 3,160 करोड़ का प्रावधान
- सीएम राइस के लिए 855 करोड़ का प्रावधान
- विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण के लिए 457 करोड़ का प्रावधान
- आर.टी.आई के तहत अशासकीय विद्यालयों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति हेतु 400 करोड़ का प्रावधान
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