रिटेन एग्जाम में सामान्य अंग्रेजी, सामान्य अध्ययन और विषय विशेष के पेपर होंगे। भारतीय आर्थिक सेवा और भारतीय सांख्यिकी सेवा दोनों के लिए सामान्य अंग्रेजी और सामान्य अध्ययन के पेपर सब्जेक्टिव टाइप के होंगे।
यह आदेश उन अभिभावकों के लिए राहत देगा जो सिंगल पैरेंट हैं। अपने बच्चे का एडमिशन स्कूल में करवाने के लिए परेशान हैं।
नेवी चिल्ड्रन स्कूल, गोवा की कक्षा 9 की छात्रा अहाना सांगुई ने विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश के बाल भारती पब्लिक स्कूल के अनीक कुमार हैं।
अमेरिका के जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन को पहला स्थान मिला है। बेस्ट कॉलेजों की यह ये लिस्ट अमेरिका की सीईओवर्ल्ड (CEOWORLD) मैग्जीन द्वारा जारी की गई है।
केरल में एक महिला का पुलिस अफसर बनने की कहानी चर्चा में है। 31 साल की एनी शिवा को 18 साल की उम्र में उनके पति ने छोड़ दिया था। तब उनके पास एक छोटा बच्चा था। परिवार के खिलाफ जाकर शादी की थी, इसलिए परिवार की मदद भी नहीं ली। जिंदगी चलाने के लिए एनी ने सड़कों पर नींबू पानी और आइसक्रीम बेचा। लंबे संघर्ष के बाद आज वर्कला में पुलिस इंस्पेक्टर बनकर उन्होंने मिसाल कायम की है।
कैंडिडेट्स को 2 पासपोर्ट साइज के साथ कॉल लेटर और अपने सभी एजुकेशनल सर्टिफेकेट लाना होगा।
नई दिल्ली एनसीआर (फरीदाबाद) स्थित स्कूल ड्यूड्स एंड डॉल्स वर्ल्ड ने एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। ये स्कूल एक हाईटेक और इनोवेटिव तरीके से पढ़ाई करवाने का दावा कर रहा है, जो ना सिर्फ बच्चों की एजुकेशन बल्कि उनके ओवरऑल डेवलपमेंट पर फोकस करता है।
बहुचर्चित दाना माझी की बेटी चांदिनी माझी ने मैट्रिक की परीक्षा में सफलता हासिल की है। बता दें कि 24 अगस्त 2016 को पैसे ना होने के कारण दाना माझी को अपनी पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक पैदल कंधे पर ढोना पड़ा था।
करियर डेस्क : 25 जून 2021 को आपातकाल की 46वीं वर्षगांठ है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में आपातकाल को एक काले चरण के रूप में माना जाता है। 1975 में इसी दिन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने केंद्र में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सिफारिश पर देश भर में आपातकाल (Emergency) की घोषणा की थी। आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक रहा। 21 महीनों तक देश की जनता इमरजेंसी की दहशत के बीच रहीं। आज भी भारत के इतिहास के बारे में बात करते हुए अकादमिक और राजनीतिक हलकों में इसपर बहस की जाती है। आइए आज आपको बताते है इस दिन की कहानी...
कोरोना वायरस के कारण ज्यादातर राज्यों ने 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। रिजल्ट किस आधार पर तैयार होगा इसे लेकर अभी तक मार्किंग क्राइटेरिया नहीं बन पाया है।