सार

यूपी पीसीएस 2021 के फाइनल रिजल्ट में प्रतापगढ़ के मान्धाता के राजगढ़ के अतुल कुमार सिंह ने पहली पोजिशन हासिल की। वहीं, उन्नाव की सौम्या मिश्रा को दूसरा स्थान मिला, जबकि अमनदीप तीसरे स्थान पर रहे। प्रयागराज के सगे भाई-बहन को भी इस परीक्षा में सफलता मिली है।

 

करियर डेस्क : यूपी पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट (UP PCS Result 2021) बुधवार देर शाम जारी कर दिया गया। कुल 627 उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। इन्हीं में शामिल हैं प्रयागराज (Prayagraj) सगे-भाई बहन। संगम नगरी प्रयागराज के मेजा के तेंदुआ कला गांव के विवेक कुमार सिंह और संध्या सिंह ने इश परीक्षा में झंडे गाड़ दिए हैं। दोनों का चयन डिप्टी कलेक्टर बद पर हुआ है। भाई विवेक कुमार सिंह ने तीसरे अटेम्प्ट में 8वीं रैंक हासिल की है। वहीं, बहन संध्या का यह पहला ही प्रयास है और उन्हें 12वीं रैंक मिली है। 

सेल्फ स्टडी कर पाई कामयाबी
विवेक और संध्या ने पीसीएस की कभी कोचिंग नहीं की। उन्होंने सेल्फ स्टडी के बलबूते यह परीक्षा पास की है। दोनों के माता पिता गांव में ही एक प्राइवेट स्कूल चलाते  हैं। पिता कृष्ण कुमार सिंह और मां प्रतिमा सिंह बच्चों की सफलता से फूली नहीं समा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज उनके बेटे-बेटी ने जो काम किया है, उससे ज्यादा उन्हें अब कुछ नहीं चाहिए। उनके बच्चों ने उनका नाम रोशन कर दिया है।

एक-दूसरे की मदद से तैयारी
विवेक और संध्या नैनी के माधव ज्ञान केंद्र स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की है। शुरू से ही उनका लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा पास करना था। पढ़ाई के दौरान दोनों ने एक दूसरे की मदद की और खूब मोटिवेट किया। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले से ही भरोसा था कि उनका रिजल्ट कुछ इसी तरह आ सकता है। दोनों ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा को पास करने का सबसे बढ़ा राज है एकाग्र होकर पढ़ाई करना। 

दिवाली से पहले फूटे पटाखे
वहीं, गांव के बेटे-बेटी कि इस सफलता पर गांव में दिवाली से पहले ही पटाखे फूटे। शाम को रिजल्ट आने के बाद से ही घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। गांव के लोग गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं। गांव में रह-रह कर पटाखों की आवाज सुनाई पड़ रही है। संध्या और विवेक को गांव वाले खूब शुभकामनाएं दे रहे हैं। संध्या सिंह डिप्टी कलेक्टर बन अपने क्षेत्र की लड़कियों को आगे ले जाना चाहती हैं। वहीं, विवेक सिंह का सपना है कि गरीबों तक किसी भी योजना का सही तरह से क्रियान्वयन हो।

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