सार
गुजरात के सूरत में रहने वाले एक किसान की बेटी जिसने संघर्ष किया लेकिन हार नहीं मानी और देश की सबसे युवा पायलट (youngest commercial pilot) बनी। देश की इस बहादुर बेटी का नाम है मैत्री पटेल (maitri patel)। वो सबसे छोटी उम्र की कमर्शियल प्लेन की पायलट हैं।
करियर डेस्क. महिला अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वो पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर फील्ड को अपने लिए आसान बना रही हैं। हम आपको एक ऐसी ही कहानी बता रहे हैं। गुजरात के सूरत में रहने वाले एक किसान की बेटी जिसने संघर्ष किया लेकिन हार नहीं मानी और देश की सबसे युवा पायलट (youngest commercial pilot) बनी। देश की इस बहादुर बेटी का नाम है मैत्री पटेल (maitri patel)। वो सबसे छोटी उम्र की कमर्शियल प्लेन की पायलट हैं।
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जहां बेटी में काबिलिय थी वहीं पिता ने भी बेटी की पढ़ाई के लिए अपनी जमीन तक बेच दी। दरअसल, जब पढ़ाई के लिए मैत्री को बैंक से लोन नहीं मिला तो किसान पिता ने अपनी खेती की जमीन बेचकर उसे पढ़ाया और उसके सपनों को साकार किया। आइए जानते हैं कौन हैं मैत्री और उनके संघर्ष की क्या है कहानी।
मैत्री ने अमेरिका में हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग ली है। वो बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद मैत्री ने पायलट बनने की ट्रेनिंग ली उनके सपने को पूरा करने में उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा। उनके पिता किसान होने के साथ-साथ सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में भी काम करते हैं।
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11 महीने में पूरी की ट्रेंनिंग
मैत्री पटेल अमेरिका से पायलट बनकर लौटी हैं। कमर्शियल विमान उड़ाने की ट्रेनिंग 18 महीने में पूरी होती है। बहुत से लोग 18 महीने में भी ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाते हैं जिस कारण से ट्रेनिंग पीरियड को 6 महीने बढ़ा दिया जाता है लेकिन मैत्री पटेल ने सिर्फ़ 11 महीने में कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग पूरी कर ली।
पिता का सपना था बेटी दुनिया घूमे
मैत्री के पिता कांतिलाल पटेल, लोगों को सूरत से मुंबई हवाई अड्डे तक ले जाते थे। उन्होंने कई हवाईजहाज़ों को लैंड और टेक ऑफ़ करते देखा और ये निश्चित कर लिया कि उनकी बेटी हवाई जहाज़ उड़ाएगी और दुनिया घूमेगी। मैत्री ने वो सपना पूरा कर दिखाया है। अब उसे भारत में कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए देश के नियमों को पास करना होगा। इसके बाद ही उसे भारत में पायलट बनने का मौका मिलेगा।