सार
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार 6 फरवरी को निधन हो गया। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार शाम 6 बजे किया जाएगा। ब्रीच कैंडी अस्पताल से लता जी की पार्थिव देह दोपहर करीब 1.10 बजे उनके घर पहुंची, जहां से उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर शिवाजी पार्क ले जाया गया।
मुंबई। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार 6 फरवरी को निधन हो गया। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार शाम 6 बजे किया जाएगा। ब्रीच कैंडी अस्पताल से लता जी की पार्थिव देह दोपहर करीब 1.10 बजे उनके घर पहुंची, जहां से उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर शिवाजी पार्क ले जाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शाम 5 बजे मुंबई पहुंच कर उनके अंतिम दर्शन करेंगे। बता दें कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को सिंगिंग के अलावा क्रिकेट में भी खासी दिलचस्पी थी।
सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अपने खाली वक्त में या तो रियाज करती थीं या फिर अपना पसंदीदा क्रिकेट मैच देखना पसंद करती थीं। सचिन तेंडुलकर लताजी के फेवरेट क्रिकेटर रहे। सचिन तेंडुलकर के संन्यास के वक्त लता मंगेशकर ने कहा था कि मुझे इस बात का बेहद दुख है कि उन्होंने रिटायर होने का फैसला कर लिया। वो रिटायर नहीं होते तो अच्छा होता। उन्होंने कहा- मेरी नजर में सचिन महान इंसान हैं। सचिन बहुत बड़े क्रिकेटर हैं ये दुनिया जानती है लेकिन मेरी नजर में वो बहुत शरीफ इंसान हैं।
जब लताजी ने तेंडुलकर की तारीफ में कही ये बात :
सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) की तारीफ करते हुए लताजी ने कहा था- वो बहुत कम बोलने वाले, बेहद शांत इंसान हैं। मैंने उन्हें कभी किसी से झगड़ा करते नहीं देखा। जब कभी उन्हें गलत आउट दे दिया जाता है तब भी वह बिना किसी शिकायत के चुपचाप बैट उठाकर निकल जाते हैं। इतना धैर्य किसमे हैं, इंसान तो जरा-सी बात पर गुस्सा हो जाता है लेकिन सचिन बहुत ही शांत और नेक इंसान हैं।
लार्ड्स के मैदान में हमेशा रिजर्व रहती थी सीट :
बेहद कम लोग ही जानते होंगे कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का एक फैन लॉर्ड्स क्रिकेट स्टेडियम में उनके लिए एक परमानेंट सीट हमेशा रिजर्व करके रखता है। वैसे, लता जी 1983 में लॉर्ड्स के मैदान में हुए वर्ल्ड कप की जीत की गवाह भी रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इंडियन टीम के लिए पैसा जुटाने के लिए एक स्पेशल कॉन्सर्ट भी किया था, जिसमें उनके साथ क्रिकेटर्स ने भी गाने गाए थे।
टीम की जीत पर लताजी ने किया था कॉन्सर्ट :
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने बताया था-‘तनाव से भरा माहौल था, लेकिन जैसे-जैसे मैच आखिरी दौर की ओर बढ़ने लगा मुझे भारत की जीत पर पूरा यकीन हो गया था। हालांकि क्रिकेट में कुछ कहा नहीं जा सकता कि जीती या हारी हुई बाजी कब पलट जाए। लता मंगेशकर के मुताबिक, मैच से पहले पूरी क्रिकेट टीम मुझसे मिली थी। हर क्रिकेटर यही कह रहा था कि मैच हम ही जीतेंगे। मुझे याद है कि मैंने उनसे पूछा भी था कि आप लोगों को क्या लगता है। टीम ने पूरे विश्वास से कहा था कि जीत जाएंगे और जीत कर इतिहास रच दिया। लता जी ने आगे बताया कि जब टीम ने मैच जीत लिया तो क्रिकेट बोर्ड के पास पैसे नहीं थे, इसलिए एक स्पेशल कॉन्सर्ट किया था।
जब लताजी का इवेंट देखने पहुंचे थे राजीव गांधी :
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के मुताबिक, 1983 में मैं लंदन छुट्टियां मनाने गई थीं। यहां मेरी मुलाकात एनकेपी साल्वे जी से हुई। जब भारतीय टीम जीत गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि वे इंडिया की जीत पर एक प्रोग्राम करना चाहते हैं तो क्या वो आप उसके लिए गांएगी। मैंने कहा जरूर क्यों नहीं। इसके बाद हमने दिल्ली में स्पेशल शो किया। इसमें मुकेश भैया के बेटे नितिन मुकेश और सुरेश वाडेकर ने भी मेरा साथ दिया था। उस इवेंट में राजीव गांधी भी थे।
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