सार

बॉलीवुड की फेमस कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार रात 71 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें कुछ दिन पहले सांस लेने में तकलीफ के कारण बांद्रा के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह उन्हें मलाड स्थित क्रब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। 

मुंबई। बॉलीवुड की फेमस कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार रात 71 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें कुछ दिन पहले सांस लेने में तकलीफ के कारण बांद्रा के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह उन्हें मलाड स्थित क्रब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान अपनी मां को याद करते हुए छोटी बेटी सुकैना ने एक इंटरव्यू में काफी बातें कीं। सुकैना ने मां को अपना हीरो बताते हुए कहा कि मेरी जिंदगी पर सबसे ज्यादा उन्हीं का प्रभाव था। वो मेरे लिए मां और पापा दोनों थीं। 

सुकैना के मुताबिक, मैं घर में सबसे छोटी थी इसलिए मां सबसे ज्यादा मुझे ही प्यार करती थी। मेरी मां एक योद्धा की तरह थीं। 13 साल की उम्र से लेकर 71 साल की उम्र तक उन्होंने हमें शानदार जिंदगी देने के लिए सब कुछ किया। उन्होंने बिना किसी शिकायत के एक मर्द की तरह पूरे घर की जिम्मेदारी उठाई।

सरोज खान की बेटी सुकैना ने कहा कि किसी भी महिला के लिए अकेले बच्चों की परवरिश करना एक बड़ी चुनौती होती है। खासकर ये चुनौती तब और बड़ी हो जाती है, जब घर का हर एक मेंबर आप पर ही डिपेंड हो। लेकिन मां ने हमारी परवरिश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। वो वह कहती थीं, मैं हूं ना। वो किसी भी तरह की परेशानी में भी घबराती नहीं थीं। 

सुकैना के मुताबिक, मां को सांस लेने में तकलीफ थी, जिसकी वजह से उन्हें भर्ती कराया था। कल रात तक उनकी सेहत में सुधार भी हो रहा था लेकिन डायबिटीज अचानक बढ़ने की वजह से फिर डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। 

बता दें कि 2000 से भी ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ कर चुकीं सरोज खान का जन्म 22 नवंबर, 1948 को हुआ था। किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी ​सद्धू सिंह के घर जन्मी सरोज का असली नाम निर्मला नागपाल है। बंटवारे के बाद सरोज का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। 

सरोज खान ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत फिल्म 'नजराना' से की थी। सरोज खान ने 13 साल की उम्र में इस्लाम कबूल कर 43 साल के डांस मास्टर बी सोहनलाल से शादी की थी।