सार
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड दसवीं की परीक्षा में 74.23% स्टूडेंट्स पास हुए, जिनमें लड़कियों का प्रतिशत 78.84 और लड़कों का प्रतिशत 69.7 रहा। 12वीं की परीक्षा में 79.30% स्टूडेंट पास हुए। इसमें लड़कियों का प्रतिशत 81.15 और लड़कों का प्रतिशत 77.0 3 रहा। इस हिसाब से देखा जाए तो इस बार भी हाईस्कूल परीक्षा और हाईसेकेंडरी परीक्षा में बालिकाओं ने बाजी मारी है।
रायपुर, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट ( CG Result 2022 ) जारी कर दिया है। इस बार हर साल की तरह प्रदेश की बेटियों ने कमाल करते हुए टॉप किया है। 12वीं की मेरिट लिस्ट में सबसे पहला नाम रायगढ़ की रहने वाली कुंति कुमारी का है। जिसने इन परिणामो में 500 नंबर की परीक्षा में 491 मार्क्स हासिल किए हैं। कुंति के पिता मजदूरी करते हैं, इसके बाद भी उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। आइए जानते हैं इस मजदूर की बेटी की कामयाबी की कहानी...
कुंति हर क्लास टेस्ट और पुरानी परीक्षाओं में फुल मार्क्स के साथ होती थी पास
दरअसल, कुंति रायगढ़ के ग्रामीण इलाके में रहती हैं। वह आदर्श ग्राम भारती शाला में पढ़ती है। स्कूल के प्रिंसिपल घनश्याम साहू ने बताया कि कुंति उनके स्कूल की सबसे टैलेंटेड स्टूडेंट है। उसको जो भी होमवर्क दिया जाता था, उसे वह समय से पहले ही पूरा कर लेती थी। कुंति हर क्लास टेस्ट और पुरानी परीक्षाओं में भी फुल मार्क्स के साथ पास होती रही है। इतना ही नहीं उसके घर की हालत और पढ़ाई में उसकी लगन को देखकर स्कूल के प्रिंसिपल घनश्याम ने उसकी ट्यूशन फीस माफ कर दी थी।
रोजाना 7 किलोमीटर दूर साइकिल चलाकर अपने स्कूल आती
कुंति ने पढ़ई के प्रति इतनी जिम्मेदार है कि वह रोजाना 7 किलोमीटर दूर साइकिल चलाकर अपने स्कूल आती थी। जिस तरह कुंति ने दो साल पहले दसंवी में टॉप किया था, उसी तरह अब उसने 12वीं में टॉप किया है। कुंति की टैलेंट देखकर खुद जिला शिक्षा अधिकारी ने उसे फोन कर बधाई दी है। वहीं इस वक्त उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
पिता ने अपनी मजदूरी बेटी की पढ़ाई में आड़े नहीं आने दी
बता दें कि कुंति के पिता परमेश्वर साव ऊफ परसू पेशे से मजदूर हैं। वह सुबह के 7 बजते ही अपने काम की तलाश में निकल जाते हैं। कभी काम मिलता है तो कभी काम के इंतजार में दिनभर खाली निकल जाता है। लेकिन उन्होंने अपनी टेंशन कभी अपनी बेटी की पढ़ाई के बीच नहीं आने दी। स्कूल प्रिंसिपल घनश्याम साहू और खुद कुंति ने अपनी पढ़ाई और टॉप का श्रेय अपने पिता और टीचर को दिया है।