सार

भारत कोरोना संक्रमण(corona virus) की तीसरी लहर और ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने वैक्सीनेशन में एक और ऐतहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid 19 vaccination) का आंकड़ा 150 करोड़ पार हो गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने बधाई दी है।

नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन(covid 19 vaccination) का आंकड़ा 150 करोड़ के पार हो गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय में हासिल हुई है, जब भारत कोरोना संक्रमण(corona virus) की तीसरी लहर और ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बधाई दी है।

दुनिया को आश्चर्य हुआ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने वैक्सीनेशन की इस उपलब्धि पर कहा-आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। साल की शुरुआत देश ने 15-18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण से की थी। आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है। 150 करोड़ वैक्सीन डोज वो भी एक साल से कम समय में, ये आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है। दुनिया के अधिकतर देशों के लिए ये आश्चर्य से कम नहीं। भारत के लिए ये नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है।

हेल्थ मिनिस्टर ने किया tweet
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने tweet करके कहा-आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़- 1.5 बिलियन वैक्सीन डोजेज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है, 150 करोड़ वैक्सीन डोज वो भी एक साल से कम समय में। भारत के लिए ये 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य का प्रतीक है। ऐतिहासिक प्रयास, ऐतिहासिक उपलब्धि।  प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व व स्वास्थ्य कर्मियों की अविरल मेहनत से देश ने आज 150 करोड़ कोरोना वैक्सीन लगाने का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। जब सब मिलकर 'प्रयास' करते हैं तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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WHO की मुहिम
जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रयसस(Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा-टेड्रोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हालांकि ओमाइक्रोन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है, विशेष रूप से जिन्होंने टीका लगवा लिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के के रूप में लिया जाए। बता दें कि टेड्रोस ने 2022 के अपने पहले भाषण में वैक्सीन को लेकर अमीर देशों की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि अमीर देशों की वजह से गरीब देशों को वैक्सीन के संकट का सामना करना पड़ा। WHO चाहता है कि हर देश सितंबर 2021 के अंत तक अपनी आबादी का 10 प्रतिशत और दिसंबर के अंत तक 40 प्रतिशत का टीकाकरण करे। बता दें कि WHO के 194 सदस्य राज्यों में से 92 राज्य 2021 के अंत तक वैक्सीनेशन के निर्धारित लक्ष्य को पार नहीं कर पाए। 36 ने तो 10 प्रतिशत को भी हासिल नहीं किया। इसका मुख्य कारण खुराक नहीं मिल पाना है। WHO चाहता है कि 2022 के मध्य तक हर देश 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन कर ले।

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