सार

पीसीबी (PCB) ने राष्ट्रीय अंडर -13 और अंडर -16 एक दिवसीय टूर्नामेंट को निलंबित कर दिया है। 
 

स्पोर्ट्स डेस्क: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) ने चल रहे राष्ट्रीय अंडर -13 और अंडर -16 एक दिवसीय टूर्नामेंट को निलंबित कर दिया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पीसीबी (PCB) के सामने यह बात आई कि कुछ अधिक आयु के क्रिकेटर कराची और मुल्तान में हो रहे इन टूर्नामेंट्स में भाग ले रहे हैं।

पीसीबी की ओर से जारी बयान में कहा गया, "पीसीबी, पाकिस्तान में क्रिकेट के नियम अनुसार संचालन कराने के लिए संकल्पित है। पीसीबी अधिक उम्र के क्रिकेटरों को सिस्टम की खामियों का फायदा उठाने और कम उम्र के क्रिकेटरों के साथ खेलने की अनुमति नहीं दे सकता है।" 

उम्र का झूठा सत्यापन करवाना एक अपराध है

पीसीबी ने अपने बयान में कहा, "निम्न आयु वर्ग के क्रिकेट में भाग लेने के लिए पात्र बनने के लिए उम्र का झूठा सत्यापन करवाना न केवल एक अपराध है, बल्कि एक खतरा है जो हमारे सिस्टम को त्रस्त कर रहा है। अब टूर्नामेंट की अखंडता की रक्षा के साथ-साथ युवाओं के पलायन को रोकने के लिए इसे ठीक करने की आवश्यकता है।" 

सख्त कदम उठाने के मूड में पीसीबी 

क्रिकेट बोर्ड ने कहा, "इससे पहले कि पीसीबी उचित कार्रवाई करे, वह इन खिलाड़ियों को नए परीक्षणों के पीछे दो दिवसीय अपील विंडो प्रदान करेगा, जिसके दौरान खिलाड़ी या तो अपनी आयु परीक्षण के एक और दौर से गुजर सकते हैं या अपना मूल जन्म प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।"  

जालसाजी करने वालों का कटेगा पत्ता 

पीसीबी ने यह भी कहा, "टूर्नामेंट शुरू होने तक टीमें अपने तय स्थानों पर रहेंगी और पीसीबी द्वारा नियुक्त कोचों की देखरेख में ट्रेनिंग और अभ्यास करती रहेंगी। नए सिरे से आयु परीक्षणों के बाद अधिक आयु वाले खिलाड़ियों को इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"  

इस बड़े फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद अब पीसीबी ने बोन एज वेरिफिकेशन टेस्ट (Bone Age Verification Test) के तीसरे दौर का आयोजन करने का फैसला किया है, जिसके बाद अगले सप्ताह शुरू होने वाले दोनों टूर्नामेंटों से पहले टीमों के खिलाड़ियों की उम्र की जांच की जाएगी।  

मैच फिक्सिंग के लिए पहले ही बदनाम है पाकिस्तान क्रिकेट 

पाकिस्तान क्रिकेट मैच फिक्सिंग के चलते पहले ही बदनाम है। अब बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के आयु संबंधी फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद के बोर्ड की साख को फिर से बट्टा लग गया है। इस मामले में भारतीय क्रिकेट की स्थिति पाकिस्तान से कहीं बेहतर है। यहां घरेलू क्रिकेट का ढांचा पाकिस्तान के मुकाबले काफी बेहतर है। इस तरह से मामले काफी कम देखने को मिलते हैं।  

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