सार

रवि शास्त्री को शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम का दोबारा हेड कोच बनाया गया। इस रेस में टॉम मूडी, माइक हेसन, लालचंद राजपूत और रॉबिन सिंह भी चर्चा थे। वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में मिली हार को लेकर लगातार उनकी आलोचना हो रही थी।

नई दिल्ली. रवि शास्त्री को शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम का दोबारा हेड कोच बनाया गया। इस रेस में टॉम मूडी, माइक हेसन, लालचंद राजपूत और रॉबिन सिंह भी चर्चा थे। वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में मिली हार को लेकर लगातार उनकी आलोचना हो रही थी। ऐसे में माना जा रहा था कि शास्त्री का कार्यकाल पूरा होने के बाद किसी और को ये पद दिया जा सकता है। लेकिन 1983 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव की अगुआई वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने उन्हें 2021 तक दोबारा कोच चुना गया।

शास्त्री ही क्यों?

1- विराट के करीबी
रवि शास्त्री अनिल कुंबले के रिटायर होने के बाद जुलाई 2017 में कोच बनाए गए थे। शास्त्री को विराट कोहली का करीबी माना जाता था। कोहली उनके कोच बनाने की वकालत भी करते रहे हैं। वेस्टइंडीज दौरे से पहले उन्होंने कहा था कि अगर शास्त्री दोबारा कोच बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी। हालांकि, कपिल देव ने कहा कि रवि शास्त्री को कोच बनाए जाने से पहले कप्तान कोहली की राय नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि कप्तान से पूछा जाता तो पूरी टीम से ही राय ली जाती। 

2- विदेशी कोच के पक्ष में नहीं थी सीएसी
कोच चुनने के लिए नियुक्त क्रिकेट सलाहकार समिति विदेशी कोच बनाने के पक्ष में नहीं थी। समिति भारतीय कोच के पक्ष में ही थी। समिति का मानना था कि अगर गैरी कर्स्टन जैसा कोई अनुभवि व्यक्ति अप्लाई करता तो उसके नाम पर विचार हो सकता था।

3- शास्त्री के कोच रहते भारत ने जीते 66% मैच
सीएसी के सदस्य का मानना था कि भारतीय मुख्य कोच की देखरेख में टीम अच्छा कर रही है। शास्त्री जुलाई 2017 में कोच बने थे। उनके कोच रहते भारत ने 66% मैच में जीत हासिल की।

फॉर्मेट   मैच  जीते  हारे 

जीत का औसत %

टेस्ट2113761
वनडे63451571.67
टी2037251167.56

4-  बदलाव के दौर में शास्त्री बेहतर
रवि शास्त्री बीसीसीआई की भी पसंद थे। वर्ल्डकप में हार के बाद टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऐसे में बीसीआई का मानना था कि शास्त्री का कोच पद पर बने रहना जरूरी है। हाल ही में बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था कि शास्त्री का कोच पद पर बने रहना बेहद जरूरी है। 

5- प्रदर्शन के मामले में भी शास्त्री बाकी उम्मीदवारों से आगे
शास्त्री और वर्तमान कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल वर्ल्ड कप के बाद समाप्त हो गया था। इसके बाद उनका अनुबंध 45 दिन के लिए बढ़ाया गया था। बोर्ड ने 30 जुलाई तक कोच के लिए आवेदन मंगवाए थे। इनमें से 6 लोगों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था। शॉर्ट लिस्ट हुए उम्मीदवारों में कोई भी शास्त्री से बेहतर नहीं था। न ही किसी को उनसे ज्यादा अनुभव था। शास्त्री ने टीम इंडिया के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले हैं, इनमें उन्होंने करीब 13 हजार रन बनाए हैं। वहीं, रॉबिन सिंह ने 131 वनडे और सिर्फ 1 टेस्ट मैच खेला है। उन्होंने करीब 2400 रन बनाए थे। लालचंद्र राजपूत को सिर्फ 2 टेस्ट और 4 वनडे का अनुभव है।