सार
निराश भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को स्वीकार किया कि दो टेस्ट की श्रृंखला में न्यूजीलैंड ने उनकी टीम को ‘पूरी तरह से पछाड़ दिया’ और वे इस सच्चाई से मुंह नहीं फेर सकते कि प्रतिकूल हालात में ‘पर्याप्त साहस नहीं दिखा सके’
क्राइस्टचर्च: निराश भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को स्वीकार किया कि दो टेस्ट की श्रृंखला में न्यूजीलैंड ने उनकी टीम को ‘पूरी तरह से पछाड़ दिया’ और वे इस सच्चाई से मुंह नहीं फेर सकते कि प्रतिकूल हालात में ‘पर्याप्त साहस नहीं दिखा सके’।
दो टेस्ट की श्रृंखला के दौरान भारतीय बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से नाकाम रहा और कप्तान कोहली ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण समय की कमी के बावजूद टीम प्रबंधन को इसका हल ढूंढना होगा।
श्रृंखला में हम जिस तरह खेले उसे लेकर काफी निराश हैं
कोहली ने यहां दूसरे टेस्ट में सात विकेट की हार के बाद कहा, ‘‘बेशक इस श्रृंखला में हम जिस तरह खेले उसे लेकर काफी निराश हैं। मेरा मानना है कि इस श्रृंखला में हमें पूरी तरह से पछाड़ दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेशक हम टीम के रूप में वैसा क्रिकेट नहीं खेल पाए जैसा खेलते हैं। यहां से हम यह सबक लेंगे कि जो चीजें गलत हुई हैं उनसे भागना नहीं है और इसकी जगह उनका हल निकालना है और सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ना।’’
यह पूछने पर कि असल में क्या गलत हुआ तो कोहली ने कहा कि प्रतिकूल हालात में श्रृंखला को लेकर नजरिया आदर्श नहीं था। कोहली ने कहा, ‘‘जहां तक मेरा सवाल है और जहां तक मैंने चीजों को देखा, मुझे लगता है कि इस श्रृंखला को लेकर हमारा नजरिया आदर्श नहीं था। हम पर्याप्त सकारात्मक नहीं थे। कई मौकों पर हमने पर्याप्त साहस नहीं दिखाया जो हमने अतीत में किया है। सामान्य सी बात है कि आपका कौशल आपकी मानसिकता के अनुसार काम करता है।’’
दौरे के पहले हाफ में कोई ऐसा नहीं कह रहा होगा
विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में हार और फिर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय तथा टेस्ट श्रृंखला में क्लीनस्वीप के बावजूद कोहली को पसंद नहीं है कि कोई यह कहे कि भारत को इस टीम के खिलाफ परेशानी होती है। भारतीय कप्तान ने टी20 श्रृंखला में 5-0 की जीत के संदर्भ में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि दौरे के पहले हाफ में कोई ऐसा नहीं कह रहा होगा।’’
गलतियों में सुधार करने का पर्याप्त समय है
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ एक टेस्ट श्रृंखला में हार या सेमीफाइनल में हार के बाद आप यह नहीं कह सकते कि किसी टीम के खिलाफ परेशानी होती है। उस दिन उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और इस टेस्ट श्रृंखला में भी और इसे स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है।’’ इतने अधिक क्रिकेट के बीच क्या टीम के पास गलतियों में सुधार करने का पर्याप्त समय है, यह पूछने पर कोहली ने कहा, ‘‘इसे देखने के दो तरीके हैं। मैं मैचों के बीच काफी अधिक समय इंतजार करने की जगह यह पसंद करूंगा कि क्रीज पर उतर कर खामियों को दूर करने का प्रयास करूं जिससे कि पता कर सकूं कि कमियां दूर हुई हैं या नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘काफी क्रिकेट खेलने का फायदा यह है कि अगर आप किसी चीज पर काम कर रहे हैं तो आपके पास इसे परखने के लिए काफी मैच होते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप चीजों को कैसे देख रहे हैं। जैसा कि मैंने कहा, इसमें संतुलन की जरूरत है। आपको इस बारे में बहुत अधिक भी नहीं सोचना चाहिए और इसे नजरअंदाज भी नहीं करना चाहिए। यह अलग लोगों पर अलग तरीके से काम करता है।’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)