सार

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बार रिव्यू में किसी का साइड भी लिया जाता है। ये पूरी तरह से ऑनस्ट नहीं होती हैं। ऐसे कई लोग हैं जो पेड रिव्यू करते हैं। वहीं जो फिल्म मेकर इन्हें पेमेंट नहीं करते हैं, उनके बारे में जानबूझकर नेगेटिव रिव्यू किया जाता है।

एंटरटेनमेंट डेस्क । केरल उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने सिफारिश की है कि फिल्मों की रिलीज के पहले 48 घंटों में समीक्षा नहीं की जानी चाहिए। एमिकस क्यूरी श्याम पैडमैन ( amicus curiae Shyam Padman ) द्वारा पेश रिपोर्ट में "review bombing" को रोकने की सिफारिश की है। इसके साथ हीं समीक्षकों को सख्त दिशानिर्देश देने के लिए कहा है।  

रिपोर्ट में रिव्यू के लिए दी गई सलाह

एमिकस क्यूरी रिपोर्ट ( amicus curiae report ) में review bombings से रिलेटेड कंपलेंट के लिए एक पोर्टल बनाने की भी एडवाइज़ दी है। रिपोर्ट में ये भी सलाह दी गई है कि समीक्षकों को पूरी ईमानदारी से constructive criticism करनी चाहिए और एक्टर, फिल्म मेकर और अन्य लोगों के खिलाफ किसी भी पर्सनल अटैक, अपमानजनक भाषा, बेहूदा कॉमेंट से बचना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिव्यू में प्रोफेशनलिज्म को इसमें जरुर शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ऐथिक्स और लीगल पॉइंट को भी जरुर ध्यान रखा चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया,  ये ( रिव्यू) किसी कानून से भी नहीं बंधा है, क्योंकि यह जबरन वसूली, ब्लैकमेल के दायरे में नहीं आता है। न्याय मित्र ने अदालत को दिशा निर्देश सौंपे, जिसमें सिफारिश की गई कि व्लॉगर्स सहित समीक्षकों को रिलीज के पहले 48 घंटों में फिल्म का रिव्यू करने से बचना चाहिए।

केंद्र सरकार को दिए निर्देश

जस्टिस देवन रामचंद्रन ने  केंद्र सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को फिल्मों के बारे में नेगेटिव कॉमेंट के पीछे की सच्चाई का एहसास होने लगा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नेगेटिव रिव्यू के बावजूद हाल ही में कुछ नई फिल्में हिट रही हैं। 

अदालत ने यह भी कहा कि यह समझा जाता है कि लोगों को एहसास हो गया है कि कई नेगेटिव कॉमेंट फर्जी हैं या उनका कोई छिपा हुआ मोटिव होता है । ऐसी शिकायतें मिली हैं कि व्लॉगर्स पेमेंट के लिए जानबूझकर नई रिलीज़ फिल्मों के खिलाफ कभी पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव प्रमोशन करते हैं।

डायरेक्टर ने दर्ज कराई थी शिकायत

25 अक्टूबर, 2023 को  कोच्चि सिटी पुलिस के समक्ष  राहेल माकन कोरा ( डायरेक्टर )  ने शिकायत दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया कि डिफरेंट सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फिल्म का नेगिटिव रिव्यू किए गए थे। डायरेक्टर ने कोर्ट में केस किया था, इसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी।

 

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