Mannu Kya Karega फिल्म 12 सितंबर को रिलीज होने वाली है। इसकी कहानी देहरादून के छात्र मन्नू की है, जो खुद को प्रूव करने की चाह में झूठ बोलकर मुसीबत में पड़ जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसी है इस फिल्म की कहानी।
कुमुद मिश्रा, विनय पाठक और राजेश कुमार स्टारर फिल्म 'मन्नू क्या करेगा' 12 सितंबर को रिलीज होने वाली है। जब से इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, तब से लोग इसकी रिलीज का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में फिल्म की रिलीज से पहले आइए पढ़ते हैं इस फिल्म का पूरा रिव्यू..
क्या है फिल्म 'मन्नू क्या करेगा' की कहानी?
फिल्म 'मन्नू क्या करेगा' की कहानी मानव चतुर्वेदी उर्फ मन्नू (व्योम यादव) की है, जो देहरादून के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। वो हर एक्टिविटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है, लेकिन उसे ये समझ नहीं आता कि वो असल में करना क्या चाहता है। हर चीज करने की काबिलियत होने के बावजूद उसके पास कोई ठोस लक्ष्य नहीं होता। इसी उलझन भरे दौर में मन्नू की मुलाकात होती जिया (साची बिंद्रा) से होती है, जो दिल्ली से ट्रांसफर होकर देहरादून आई होती है। वो क्लाइमेट साइंस की स्टूडेंट है और उसका सपना है कि वो स्टैनफोर्ड या हार्वर्ड जैसी जगह पढ़ाई करे। जिया अपने करियर और जीवन को लेकर बेहद क्लियर और फोकस्ड होती है।
यही चीज मन्नू को उसकी तरफ खींचती है और दोनों की एक प्यारी सी लव स्टोरी शुरू होती है, लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब जिया को लगने लगता है कि मन्नू अपने करियर को गंभीरता से नहीं ले रहा। खुद को प्रूव करने की चाह में मन्नू एक झूठ बोल बैठता है। वह एक फर्जी स्टार्टअप का दावा करता है जिसका नाम 'नथिंग' होता है। वो कहता है कि यह एक ऐसा ऐप है जो लोगों को 'कुछ नहीं करने' का वक्त देता है। मन्नू का झूठ धीरे-धीरे इतना बड़ा हो जाता है कि वो खुद उसमें फंस जाता है। अब सवाल ये है कि जब मन्नू का झूठ सामने आता है, तो क्या जिया उसका साथ देगी या नहीं। इसका जवाब जानने के लिए आपको फिल्म 'मन्नू क्या करेगा' को सिनेमाघरों में जाकर देखना होगा।
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कैसी है स्टारकास्ट की एक्टिंग
फिल्म 'मन्नू क्या करेगा' में व्योम यादव ने अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया है। वहीं साची बिंद्रा ने जिया के रोल में दमदार तरीके से निभाया है। फिल्म में कुमुद मिश्रा और चारु शंकर ने मन्नू के पेरेंट्स का रोल काफी सादगी से निभाया है। इसके साथ ही विनय पाठक ने भी डॉन के किरदार में फिल्म में जान डाल दी है। संजय त्रिपाठी के निर्देशन में बनी यह फिल्म कुछ हिस्सों में धीमी लगती है, लेकिन फिर आखिरी में आते आते एक खास मैसेज देती है। ऐसे में हम इस फिल्म को 3.5 रेटिंग देंगे।
