सार

Film Main Atal Hoon Review. पंकज त्रिपाठी की मोस्ट अवेटेड फिल्म मैं अटल हूं शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म में पंकज त्रिपाठी को अटल बिहारी वाजपेयी के किरदार में काफी पसंद किया जा रहा है। हालांकि, डायरेक्शन में कहीं-कहीं कमी नजर आई।

एंटरटेनमेंट डेस्क. पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की मच अवेटेड फिल्म मैं अटल हूं (Main Atal Hoon) शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। यह फिल्म भारत के 10वें प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी के कई पहलुओं का दिखाती है। डायरेक्टर रवि जाधव की फिल्म में पंकज त्रिपाठी अटल जी के किरदार काफी जमे। उन्होंने अपनी एक्टिंग और संवाद अदायगी से सभी को इम्प्रेस किया। फिल्म में अटल जी की जिंदगी के हर छोटे-बड़े पहलुओं को दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म में 'दलों के इस दलदल के बीच एक कमल खिलाना है..' जैसे डायलॉग दर्शकों को इम्प्रेस करने के लिए काफी हैं। इसके अलावा पंकज त्रिपाठी के एक डायलॉग- 'मैं आपसे शादी करने को तैयार हूं लेकिन दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए..', ने वाजपेयी जी के मजाकिया अंदाज को भी बयां किया।

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कैसी है Main Atal Hoon की कहानी

पंकज त्रिपाठी की फिल्म मैं अटल हूं की कहानी की शुरुआत 1999 से होती है,जहां प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी (पंकज त्रिपाठी), पाकिस्तान की हरकतों को लेकर तीनों सैन्य दलों के लीडर्स से बात करते दिखे। कहानी आगे बढ़ती है और फ्लैशबैक दिखाया जाता है, जहां अटल जी का बचपन दिखाया है, वो शिक्षकों के सामने कविता पढ़ने से डरते नजर आ रहे हैं। इसके बाद उन्हें बड़े होते हुए दिखाया गया और बताया कि कैसे उनकी जिंदगी नए मोड़ लेने शुरू करती है। और किस तरह उनके पॉलिटिकल सफर की शुरुआत होती है। बता दें कि फिल्म में अटल जी के बचपन से लेकर कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मात देने और पोखरण में हुए परमाणु बम के टेस्ट तक की कहानी को दिखाने की कोशिश की है। फिल्म के जरिए अटल जी की जिंदगी के उन पहलुओं को भी जानने को मौका मिला, जिनसे कई लोग अनजान है। फिल्म में अटल जी का कवि वाला दिल, एक स्टूडेंट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य सहित उनकी लाइफ से जुड़ी अन्य बातें भी जानने को मिली।

अटल जी के रोल में कैसे लगे पंकज त्रिपाठी

फिल्म मैं अटल ही में अटली जी का रोल पंकज त्रिपाठी ने निभाया है और उन्होंने काफी हद तक किरदार में जान डालने की कोशिश की है। पंकज ने अटल जी की तरह चेहरे के एक्सप्रेशन, हाथों की हरकतों और उनके पॉश्चर में घूसने की पूरी कोशिश की है। पंकज ने अपने अटल जी वाले किरदार से सभी को इम्प्रेस किया। हालांकि, कुछ जगह थोड़ी कमी जरूर दिखी। वहीं, पियूष मिश्रा फिल्म में नेरेटर के साथ वाजपेयी जी के पिता के रोल में हैं। उन्होंने अपने छोटे से किरदार में जान डाल दी। दीनदयाल उपाध्याय के किरदार को दया शंकर पांडेय ने बेहतरीन तरीके से निभाया।

कैसा है मैं अटल हूं का डायरेक्शन

डायरेक्टर रवि जाधव ने मैं अटल हूं फिल्म के जरिए अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी को दिखाने की कोशिश की। स्क्रीन पर अटल जी को दिखाने की कोशिश जाधव और उनके द्वारा फिल्म को लेकर किया गया रिसर्च भी नजर आ रहा है। हालांकि, उनके डायरेक्शन और फिल्म की कहानी में कहीं-कहीं कमी जरूर नजर आई। फिल्म का पहला हाफ बोर लगा तो दूसरे हाफ में फिल्म रफ्तार पकड़ते नजर आई। फिल्म में गाने अच्छे और बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक है, हालांकि सिनेमोट्रोग्राफी कमजोर रही। अगर आप अटल जी के फैन है तो आपको फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

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