Film Dhadak 2 Review: तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की मोस्ट अवेटेड रोमांटिक फिल्म धड़क 2 शु्क्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। राइटर डायरेक्टर शाजिया इकबाल की फिल्म कैसी है, आइए पढ़ते हैं रिव्यू...
एंटरटेनमेंट डेस्क. डायरेक्टर शाजिया इकबाल की फिल्म धड़क 2 एक रोमांटिक-थ्रिलर फिल्म है, जिसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी लीड रोल में हैं। करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शन्स, जी स्टूडियो और क्लाउड 9 पिक्चर के बैनर तले बनी ये एक लव स्टोरी है। 2 घंटे 26 मिनट की इस फिल्म की कहानी दो ऐसे प्रेमियों की है, जो अपने प्यार के लिए बगावत पर उतर आते हैं।
क्या है धड़क 2 की कहानी?
फिल्म धड़क 2 की कहानी भोपाल की एक पिछड़ी बस्ती में रहने वाले नीलेश अहिरवार (सिद्धांत चतुर्वेदी) की है, जो दोस्तों के साथ शादियों में ढोल बजाने का काम करता है। एक दिन नीलेश और उसके साथियों को पुलिस झूठे केस में थाने ले जाती है। अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए वो वकील बनने की सोचता है। वो एक लॉ कॉलेज में एडमिशन लेता है, जहां उसकी मुलाकात विधि भारद्वाज (तृप्ति डिमरी) से होती है। दोनों में दोस्ती और फिर प्यार हो जाता है। नीलेश को अपनी फैमिली से मिलवाने के लिए विधि उसे अपनी बहन की शादी में बुलाती है। लेकिन दोनों की नजदीकियां विधि के घरवालों को पसंद नहीं आती। नीलेश को सबक सिखाने के लिए विधि का भाई अपने साथियों के साथ उसकी पिटाई करता है। इसके बाद नीलेश, विधि से दूर रहने लगता है लेकिन विधि का प्यार कम नहीं होता। इसके बाद जो होता है, वो दिल दहलाने वाला है। क्या नीलेश-विधि जाति के सामाजिक बंधन तोड़ पाते हैं, क्या दोनों अपने प्यार के लिए लड़ने में कामयाब होते हैं, क्या उनके प्यार की हैप्पी एंडिंग होती है.. ये जानने के लिए फिल्म देखनी होगी।
कैसा है धड़क 2 का डायरेक्शन
शाजिया इकबाल ने फिल्म धड़क 2 से डायरेक्शन की दुनिया में कदम रखा है। फिल्म के जरिए उन्होंने सामाजिक भेदभाव जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाया है। फिल्म की शुरुआत काफी रोमांचक अंदाज में होती है। फर्स्ट हाफ तक फिल्म एकदम परफेक्ट चलती है लेकिन सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी कमजोर पड़ती दिखाई देती है। फिल्म का क्लाइमैक्स भी उतना दमदार नहीं है, जितना की होना चाहिए। मूवी में कई जगह कमियां भी नजर आ रही हैं। इसकी सिनेमेट्रोग्रफी ठीकठाक है, पर म्यूजिक कमजोर है।
धड़क 2 की स्टारकास्ट की एक्टिंग
फिल्म की स्टारकास्ट की एक्टिंग की बात करें तो सिद्धांत चतुर्वेदी ने बेहतरीन काम किया है। सामाजिक रूप से पीड़ित लड़के के रोल में वे खूब जंचे हैं। वहीं, तृप्ति डिमरी ने अपने किरदार को पूरी शिद्दत के साथ जिया है, पर सिद्धांत उन पर भी भारी पड़े हैं। फिल्म के बाकी स्टार्स का काम ठीकठाक है।
