सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. बीते कुछ समय से लगातार अक्षय कुमार की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही हैं। हालांकि, फीस के मामले में वे आज भी बॉलीवुड के सबसे महंगे एक्टर्स में शामिल हैं।लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्षय कुमार वो स्टार स्टार हैं, जो फिल्मों में एंट्री लेने के बाद ही अपने आपको सीनियर एक्टर समझने लगे थे। एक बार तो ऐसा हुआ था कि वे खुद को सीनियर बताते हुए क्रेडिट लिस्ट में खुद का नाम विवेक मुश्रान से ऊपर देखना चाहते थे। दोनों एक्टर्स के बीच खींचातानी इतनी बढ़ गई थी कि वह फिल्म ही बंद हो गई।
निर्माता ने किया अक्षय-विवेक की फाइट का खुलासा
अक्षय कुमार और विवेक मुश्रान के बीच क्रेडिट को लेकर हुई फाइट का खुलासा फिल्म के निर्माता हरीश शाह ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'ट्रिस्ट विद फिल्म्स' में किया है।'मेरे जीवन साथी' (1972), 'जलजला' (1988) और 'जाल द ट्रैप' (2003) फ़िल्में बना चुके हरीश शाह की मानें तो वे बतौर निर्माता-निर्देशक एक फिल्म बना रहे थे, जिसमें उन्होंने अक्षय कुमार को पैरलल रोल में कास्ट किया था। फिल्म की हीरोइन मनीषा कोइराला थीं और उनके अपोजिट विवेक मुश्रान को लिया गया था। लेकिन फिल्म फ्लोर पर आती, उससे पहले ही अक्षय और विवेक के बीच क्रेडिट वॉर शुरू हो गया। अक्षय ने खुद को सीनियर बताया और कहा कि क्रेडिट लिस्ट में उनका नाम पहले आना चाहिए, लेकिन विवेक इसके लिए तैयार नहीं हुए।
अक्षय कुमार ने तैश में आकर छोड़ दी थी फिल्म
हरीश के मुताबिक़, जब विवेक मुश्रान मानने को तैयार नहीं हुए तो अक्षय कुमार ने तैश में आकर फिल्म छोड़ दी। हरीश ने यह भी लिखा है कि उन्होंने अक्षय को बहुत समझाया कि वे क्रेडिट को मुद्दा ना बनाएं, लेकिन वे नहीं मानें और उन्होंने फिल्म से किनारा कर लिया। इस फिल्म में दिलीप कुमार और हेमा मालिनी की भी अहम् भूमिका थी। लेकिन जब अक्षय ने फिल्म छोड़ी तो मामला बिगड़ता चला गया। अक्षय के फिल्म से हटने के बाद शाहरुख़ खान हरीश शाह के पास आए और फिल्म में काम करने की इच्छा जताई, लेकिन इसी बीच दिलीप कुमार ने नई फिल्म 'कलिंगा' की घोषणा की, जिसे वे डायरेक्ट करना चाहते थे। फाइनली हरीश शाह की फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई। दिलचस्प बात यह है कि 'कलिंगा' भी कभी रिलीज नहीं हो पाई।
अक्षय कुमार खुद को सीनियर एक्टर क्यों बता रहे थे
दरअसल, अक्षय कुमार और विवेक मुश्रान का बॉलीवुड में डेब्यू एक ही साल में 1991 में हुआ था। लेकिन अक्षय की डेब्यू फिल्म 'सौगंध' पहले 25 जनवरी 1991 को रिलीज हो गई थी और विवेक उस वक्त अपनी डेब्यू फिल्म 'सौदागर' की रिलीज का इंतज़ार कर रहे थे, जो आगे जाकर 9 अगस्त 1991 को रिलीज हुई। यही वजह थी कि अक्षय खुद को विवेक से सीनियर बता रहे थे। ‘सौगंध’ फ्लॉप साबित हुई थी, जबकि ‘सौदागर’ हिट रही थी। हालांकि, आगे जाकर अक्षय कुमार बॉलीवुड के सबसे सफल स्टार्स में शुमार हुए, जबकि विवेक मुश्रान कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके।
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