मोस्ट पॉपुलर सिंगर जुबीन गर्ग का मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कमरकुची स्थित शमशान घाट पर किया गया। बहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर पत्नी गरिमा का रो-रोकर बुरा हाल हुआ। हजारों के संख्या फैन्स आखिरी विदाई देने पहुंचे।

जानेमाने सिंगर जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग करते वक्त हुए एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। वहीं, मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार पूरा राजकीय सम्मान के साथ किया गया। कमरकुची स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार उनकी छोटी बहन पाल्मी बोरठाकुर द्वारा किया गया। इस मौके पर जुबीन की पत्नी गरिमा का रो-रोकर बुरा हाल हुआ। इस मौके पर उनके डिजिटल निर्माता अरुण गर्ग, लेखक-गीतकार राहुल गौतम शर्मा खासतौर पर मौजूद थे। बता दें कि उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार को गुवाहाटी के अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शुरू हुई थी।

दोबारा हुआ था जुबीन गर्ग का पोस्टमार्टम

अंतिम संस्कार से पहले सिंगर जुबीन गर्ग का पोस्टमार्टम मंगलवार को दोबारा कराया गया था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को वापस अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लाया गया था। जहां से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजी एम्बुलेंस में एक कांच के ताबूत में पारंपरिक असमिया गमछा पहनाकर शमशान घाट तक ले जाया गया। ज़ुबीन की अंतिम यात्रा में 85 साल पिता और पत्नी गरिमा सैकिया अलग-अलग गाड़ियों में उनके पीछे-पीछे चल रहे थे। उनकी अंतिम यात्रा में सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में फैन्स मौजूद थे। गायक का अंतिम संस्कार कमरकुची गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

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जुबीन गर्ग को दी श्रद्धांजलि

जुबीन गर्ग को असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई सेलिब्रिटीज ने अंतिम संस्कार से पहले उनको श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, केंद्रीय मंत्री और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा मौजूद थे। असम साहित्य सभा, अखिल असम छात्र संघ और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद जैसे कई प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों ने जुबीन को श्रद्धांजलि दी। सिंगर उदित नारायाण ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा- वे बहुत फेमस थे। एक प्यारे इंसान थे। उन्होंने न जाने कितने लोगों के दिलों पर राज किया। 40 भाषाओं में गाना कोई मजाक नहीं है। उनका सफर अद्भुत था। जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्हें इतनी कम उम्र में नहीं जाना चाहिए था।

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