सार
HIBOX नामक एक मोबाइल ऐप में 500 करोड़ रुपये के निवेश घोटाले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने मशहूर हस्तियों सहित पांच लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है।
मोबाइल ऐप से जुड़े 500 करोड़ रुपये के निवेश घोटाले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने मशहूर महिला कॉमेडियन भारती सिंह और हिंदी बिग बॉस के पूर्व प्रतियोगी एल्विश यादव समेत पांच लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है. पुलिस ने बताया कि HIBOX नाम के एक मोबाइल ऐप में निवेश करने के लिए कई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर ने अपने-अपने अकाउंट पर प्रचार करके लोगों को इस ऐप में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया था. इस मामले में 500 से ज्यादा शिकायतें पुलिस को मिली हैं. पुलिस ने बताया कि इस HIBOX मोबाइल ऐप घोटाले के मुख्य आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपी चेन्नई का रहने वाला 30 वर्षीय शिवराम है.
पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक, यूट्यूबर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव जा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्या चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत ने इस HIBOX ऐप्लिकेशन का प्रचार करके लोगों को उस ऐप में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया था. आईएफएसओ के विशेष इकाई के पुलिस उपायुक्त हेमंत तिवारी ने बताया कि HIBOX एक मोबाइल ऐप्लिकेशन है, जो एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा है.
इस ऐप्लिकेशन के जरिए आरोपी ने निवेशकों को निवेश की गई राशि पर रोजाना एक से पांच फीसदी तक रिटर्न देने का वादा किया था. यह एक महीने में निवेश का 30 से 90 फीसदी तक रिटर्न होता था. इस ऐप को फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था. 30 हजार से ज्यादा लोगों ने इस ऐप में निवेश किया था.
शुरुआती कुछ महीनों तक निवेशकों को बड़ी रकम का रिटर्न मिला. लेकिन जुलाई के बाद से टेक्निकल खराबी, कानूनी अड़चन, जीएसटी की समस्या बताकर किसी भी निवेशक को रिटर्न नहीं दिया गया. इतना ही नहीं नोएडा स्थित इस कंपनी के दफ्तर को भी खाली करा लिया गया है.
इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने मुख्य आरोपी शिवराम को गिरफ्तार कर लिया और उसके चार खातों से कुल 18 करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए हैं. इसके बाद 29 पीड़ितों ने HIBOX ऐप्लिकेशन के खिलाफ इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन यूनिट में शिकायत दर्ज कराई है. पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें भारी रिटर्न का झांसा देकर निवेश कराया गया था.
20 अगस्त को इस ऐप के बारे में विशेष पुलिस इकाई ने भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे. मामले की जांच के दौरान पता चला कि पूर्वोत्तर जिलों में भी साइबर सेल में कई शिकायतें आई हैं. इस तरह कुल 500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं.