अनुराग कश्यप ने एक बार फिल नेटफ्लिक्स और टेड सारंडोस पर भारत को न समझने का आरोप लगाया है। अनुराग ने नेटफ्लिक्स इंडिया की टीम को 'bad tv guys' कहा और आरोप लगाया कि वे सिर्फ़ एल्गोरिदम और सब्सक्रिप्शन पर फोकस करते हैं, अच्छी कहानियों पर नहीं।
Anurag Kashyap Slams Netflix Led Sarandos : अनुराग कश्यप ने नेटफ्लिक्स के बॉस टेड सारंडोस पर 'भारत को न समझने' का आरोप लगाया है। उन शो़ की सफलता का जश्न मनाने के लिए उनका मज़ाक उड़ाया जिन्हें उन्होंने प्रोड्यूस भी नहीं किया है। कश्यप ने कहा कि 'भारतीय टीम को बुरे टेलीविज़न लोग चलाते हैं'। अनुराग कश्यप ने नेटफ्लिक्स इंडिया के टॉप में बैठे लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल एल्गोरिदम और सब्सक्रिप्शन से इंस्पायर हैं, और अच्छी सिनेमा या क्वालिटी स्टोरी दिखाने में उनकी कोई रुचि नहीं हैं।
अनुराग कश्यप ने फिल बोला टेड सारंडोस पर हमला
फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने नेटफ्लिक्स पर एक नया हमला बोला है और इस प्लेटफॉर्म पर भारतीय दर्शकों और कहानी कहने की बारीकियों को समझने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। द जगरनॉट को दिए एक हालिया इंटरव्यू में, अनुराग ने नेटफ्लिक्स पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश में सतही और फॉल्स इंफॉमेंशन वाली स्ट्रेटजी पर भरोसा कर रहा है। उन्होंने को- सीईओ टेड सारंडोस की भी कड़ी आलोचना की, क्योंकि वे अपनी लोकल टीम द्वारा भारतीय दर्शकों के बारे में बताई गई 'बकवास' पर यकीन कर लेते हैं, जिन्हें उन्होंने 'बुरे टेलीविजन वाले' बताया।
कौन हैं करणवीर मेहरा जिनकी सिला का पोस्टर हुआ रिलीज, खूंखार अवतार में दिखे
विदेश में बैठे नेटफ्लिक्स के बॉस पहले भारत को समझें
अनुराग ने कहा, "मैंने एक बहस शुरू की क्योंकि प्रॉब्लम यह है कि वे एक ही तरह की घटिया हरकतें इसलिए करते हैं क्योंकि वे भारत को नहीं समझते।" "अब देखिए मैंने टेड सारंडोस के बारे में लिखा था। और मैंने लिखा था कि कैसे वे भारत को केवल उतना ही समझते हैं जितना उन्हें सिखाया जाता है। वह भारत को नहीं समझते। इसलिए भारत ऑफिस उन्हें जो भी बताता है, वे उस बकवास पर यकीन कर लेते हैं।
भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री को बताया घटिया
अनुराग के मुताबिक, नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट की क्वालिट उसी फॉर्मूला प्रोग्रामिंग की तरह है जो कभी भारतीय टेलीविजन पर हावी थी, बस अब दर्शकों से इसके लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "वे ठीक वैसा ही कर रहे हैं जो हमारे यहां का घटिया टेलीविजन करता रहा है। बात यह है कि वे इसके लिए पैसे वसूल रहे हैं। और जिस चीज़ के लिए वे पैसे वसूल रहे हैं, वही बकवास दूसरे प्लेटफॉर्म, चैनलों और जगहों पर मुफ़्त में उपलब्ध भी है।" उन्होंने आगे कहा, "उन्हें समझ नहीं आ रहा कि देश में उनकी पॉप्युलैरिटी क्यों कम हो रही है। और वे किसी भी बकवास पर यकीन कर लेते हैं।" कश्यप ने उनकी originality and courage की कमी के लिए इस प्लेटफॉर्म की आलोचना भी की है।
