टीवी सीरियल की टॉप एक्ट्रेस में शामिल की जाने वाली स्मृति ईरानी नेNCERT पाठ्यपुस्तकों में भगवाकरण के आरोपों को सिरे को नकार दिया है। उन्होंने कहा, इतिहास चाहे अच्छा, बुरा या विवादास्पद हो, उसे वैसा ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
Smriti Irani on debate on Mughals and syllabus: टीवी एक्ट्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने NCERT की किताबों में भगवाकरण के दावों को खारिज किया है। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की एक्ट्रेस ने कहा कि इतिहास, चाहे अच्छा हो, बुरा हो, या फिर उससे कोई विवाद ही क्यों ना जुड़ा हो, उसे पूरी तरह से ज्यों का त्यों पेश किया जाना चाहिए।
स्कूल की किताबों का किया जा रहा भगवाकरण?
एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के सिलेबस पर कई बुद्धिजीवी लगातार बहस करते रहते हैं। अब इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने बड़ी ही साफगोई से अपनी बात रखी है। आजतक के साथ एक इंटरव्यू में, उन्होंने उन आरोपों का जवाब दिया कि जिसमें कहा गया कि भाजपा चुनिंदा तरीके से भारत के अतीत को फिर से लिख रही है।
क्या बीजेपी सरकार अकबर को बना रही विलेन?
इसी इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी जानबूझकर मुगल शासकों, खासकर बादशाह अकबर को क्रूर बताया जा रहा है, स्मृति ने जवाब दिया: "एक regulated entity है जो पहले से लागू एजुकेशन पॉलिसी के आधार पर एनसीईआरटी का सिलेबस तैयार करती है। एक बार रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद, एनसीईआरटी अध्यायों का मसौदा तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों के एक समूह से परामर्श करती है।"
अतीत को बदला नहीं जा सकता: स्मृति ईरानी
भाजपा द्वारा बड़े और अहम पदों पर संघ से जुड़े लोगों को नियुक्त कराया गया है। इसके जरिए वो एनसीईआरटी के संशोधनों का इस्तेमाल शिक्षा का भगवाकरण करने के लिए कर रही है। इस सवाल पर स्मृति ने कहा कि, "पिछली बार जब मैंने जांच की थी, अब देखिए मुगल शासक किसी राजनीतिक दल का सदस्य तो थे नहीं। न ही वे किसी गर्वमेंट संगठन के सर्वेसर्वा थे। इसलिए उनको लेकर बैर भाव का सवाल भी नहीं है। अब देखिए ना लोग कहते हैं कि जो बीत गया सो बीत गया, लेकिन अतीत की सच्चाई को स्वीकार करना सीखना चाहिए - चाहे वह अच्छी हो या बुरी।"
