सार
Monkeys Killed 250 Puppies: बंदरों ने पिछले तीन महीनों में लगभग 250 पिल्लों को ऊंचाई से नीचे फेंक कर मार डाला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों में बदला लेने का भूत सवार है।
मुंबई. एक कुत्ते ने बंदर के बच्चे को मार दिया, जिसके बाद बदला लेने के लिए सारे बंदर एक हो गए और करीब 250 पिल्लों को मौत के घाट उतार दिया। सोशल से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक में ये कहानी वायरल हो रही है। लेकिन क्या सच में बदला लेने के लिए बंदरों ने 250 पिल्लों को मार डाला। इसे लेकर बीबीसी ने एक ग्राउंड रिपोर्ट की है और पता लगाने की कोशिश की कि आखिर इसके पीछे का सच क्या है?
क्या कहानी वारयल हो रही है?
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर क्या कहानी वायरल हो रही है। महाराष्ट्र के बीड़ में कथित तौर पर आवारा कुत्तों ने एक नवजात बंदर को मौत के घाट उतार दिया, जिसके बाद बंदरों ने हमला कर दिया। कम से कम 250 पिल्लों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, मजलगांव में बंदरों ने पिछले तीन महीनों में लगभग 250 पिल्लों को ऊंचाई से नीचे फेंक कर मार डाला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों में बदला लेने का भूत सवार है। बंदर पिल्लों को उठाकर किसी पेड़ या ऊंची इमारत के ऊपर से फेंक देते हैं। मजलगांव के गांव लावूल की आबादी करीब 5000 है।
अब इस गांव में एक भी पिल्ला नहीं बचा है। लावूल में बंदरों के व्यवहार से ग्रामीणों में दहशत है। उनमें से कुछ का कहना है कि बंदरों का एक गिरोह गांव में घुसता है और पिल्लों पर हमला कर देता है। एक ग्रामीण ने कहा, बंदर गांव के अंदर आते हैं और पिल्लों की तलाश करते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि एक बार जब बंदरों को एक पिल्ला मिल जाता है तो वे उसे उठा ले जाते हैं और उसे मारने के लिए नीचे फेंकने से पहले उसे एक ऊंचे पेड़ या इमारत पर ले जाते हैं। वन विभाग ने स्थानीय पुलिस की मदद से अधिकांश बंदरों को पकड़ने में कामयाबी मिली है, लेकिन स्थानीय लोग अभी भी डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने खुद भी पिल्लों को बचाने की कोशिश की है, लेकिन बंदरों ने इंसानों पर भी हमला शुरू कर दिया। कुछ स्थानीय लोगों को भी चोटें आई हैं।
वायरल कहानी का सच क्या है?
- बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि कहानी की शुरुआत सितंबर में हुई। लावुल गांव में दो बंदर आए। वे पिल्लों को उठाते और ऊंचाई पर ले जाकर छोड़ देते। पहले तो गांव के लोगों ने इसपर ध्यान नहीं दिया। लेकिन बाद में देखा कि बंदर पिल्लों को लेकर भाग रहे हैं। जहां तक लोगों के घायल होने का सवाल है तो वे बंदरों के डर से इधर-उधर भागे, जिसकी वजह से वे घायल हुए।
- 19 दिसंबर को नागपुर से एक टीम आई और जाल बिछाकर बंदरों को पकड़ा। पिंजरे में एक पिल्ला रखा गया, जिसे पकड़ने के लिए बंदर अंदर आए। 250 पिल्लों के मारने के सवाल पर गांव के लोगों ने कहा कि ये तो संख्या कुछ ज्यादा ही बता दी गई है। 50-60 पिल्लों को मारा गया होगा। वहीं वन अधिकारी ने कहा कि तीन से चार पिल्लों को ही मौत हुई होगी। हालांकि संख्या पर कोई स्पष्टता नहीं है।
- बंदरों की इस हरकत पर वन अधिकारी ने कहा, कुत्ते के बालों में छोटे जूं, पिस्सू होते हैं। बंदर उन्हें खाते हैं। इसीलिए वे पिल्लों को उठाते हैं। बड़े कुत्ते आसानी से पकड़ में नहीं आते हैं। पिस्सू और जूं खाने के बाद उन्हें छतों या पेड़ों से छोड़ देते हैं।
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