स्कंदपुराण: जिनके पास होती हैं ये 5 चीजें, उन्हीं का जीवन पूर्ण माना जाता है
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1. धन
मनुष्य जीवन के 4 मुख्य आधार माने गए है, जिन्हें धर्म ग्रंथों में 4 पुरुषार्थ कहा जाता है। चारों पुरुषार्थों में से सबसे पहला पुरुषार्थ कहा गया है धन। धन कमाना हर मनुष्य के लिए अनिवार्य माना जाता है। जीवन को सफलता से जीने के लिए हर किसी को धन कमाना जरूरी होता है। बिना धन सुख नहीं मिलता और जीवन भर सिर्फ संघर्ष होता है। इसलिए, धन कमाना इंसान के लिए बहुत जरूरी माना गया है।
2. स्त्री
स्त्री को अर्धांगिनी कहते हैं, क्योंकि स्त्री के बिना हर पुरुष अधूरा माना जाता है। किसी भी पुरुष के जीवन को पूरा करने के लिए उसमें स्त्री का होना जरूरी होता है। मनुष्य जीवन में चाहे कितना ही सफल हो जाए, लेकिन अगर उसके जीवन में पत्नी न हो तो जीवन में कमी रह ही जाती है।
3. संतान
संतान हर किसी के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अंग मानी जाती है। सुखी और खुशहाल परिवार के लिए परिवार का पूरा होना आवश्यक माना जाता है। बिना संतान के कोई भी परिवार पूरा नहीं हो सकता। जिस दम्पति की संतान नहीं होती, उनके जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा अधूरा ही रह जाता है। इसलिए हर मनुष्य के जीवन में संतान का होना आवश्यक होता है।
4. गृहस्थी के काम
हर मनुष्य की कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिन्हें पूरा करना उसका फर्ज है। सभी को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी करनी ही चाहिए। जो मनुष्य अपने कामों से मुंह मोड़ लेता है या अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करता, वह कभी सुखी नहीं रह पाता। ऐसे मनुष्य के परिवार और वैवाहिक जीवन में हमेशा क्लेश बना रहता है। इन सबसे बचने के लिए मनुष्य को अपने सभी गृहस्थी के काम पूरे करना चाहिए।
5. खेत
धर्म-ग्रंथों के अनुसार, खेती करना या मिट्टी से जुड़े रहना भी हर किसी के लिए अनिवार्य बताया गया है। जो मनुष्य खेत-खलिहान के लिए समय निकालता है और वहां काम करता है, उसे सुख और आनंद मिलता है। साथ ही मिट्टी से जुड़े रहने पर स्वास्थय भी ठीक रहता है। इसलिए, हर मनुष्य को अपने जीवन का थोड़ा समय खेतों में भी बिताना चाहिए, इसके बिना जीवन अधूरा माना जाता है।