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Unfit गाड़ियों को किया जाएगा कबाड़, Nitin Gadkari ने शुरू किया Maruti का वाहन स्क्रैपेज प्लांट
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स्क्रैप प्लांट यूनिट का शुभारंभ करने के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नितिन गडकरी ने कहा कि, “प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्क्रैपेज नीति प्रमुख कारकों में से एक होगी। पुरानी कारें बहुत अधिक प्रदूषण फैलाती वाली हैं, इसलिए उन्हें एक प्रोसेस के जरिए खत्म किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि हमें स्क्रैपेज पॉलिसी के कारण वाहनों की सेल 10-12 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
उद्घाटन के दौरान मंत्री गडकरी ने कहा कि "केंद्र देश के हर जिले में कम से कम ऐसे ही वाहन रीसाइक्लिंग या स्क्रैपिंग सेंटर शुरू करने का प्लान तैयार कर रहा है। इस तरह के कदम से न केवल पुरानी कारों को खत्म करने की प्रक्रिया में आसानी होगी बल्कि अधिक रोजगार भी पैदा होगा, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी।"
वहीं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा, "कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों की फिटनेस की जांच की जाए। हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है।"
बता दें कि Maruti Scrapping Plant में 30 दिनों में 2,000 वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा। कंपनी की दी गई जानकारी के मुताबिक एक वाहन को स्क्रैप करने में तकरीबन 3 घंटे का समय लगेगा। 10,993 वर्ग मीटर में फेल इस प्लांट को तैयार करने की कुल लागत 44 करोड़ रुपये आई है। ये स्क्रैपेज प्लांट, केंद्र की वाहन स्क्रैपेज नीति (Scrappage Policy) के अनुसार तैयार किया गया है। ( फाइल फोटो)
क्या है वाहन स्क्रैपिंग नीति
वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त एवं प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इस नीति का उद्देश्य देश भर में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रूप में स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना है।
पुराने वाहनों पर लगता है ग्रीन टैक्स
बता दें कि देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने जनवरी में 8 साल से ज्यादा पुराने व्हीकल्स पर ग्रीन टैक्स (Green Tax) लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10 से 25 फीसदी तक है। यह टैक्स वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्युअल के समय वसूल किया जा रहा है।
वहीं सीएनजी (CNG), एलपीजी (LPG) और हाइब्रिड (Hybrid) व्हीकल्स से ग्रीन टैक्स नहीं लिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रीन टैक्स 15 साल पुराने पर्सनल व्हीकल पर भी लग रहा है। बता दें कि पुरानी गाड़ियां 25 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं। वहीं, देशभर में 70 फीसदी पॉल्यूशन के लिए कमर्शियल वाहन जिम्मेदार हैं।
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