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चिराग पासवान को इन 2 चीजों को लेकर है टेंशन, रातभर नहीं आई नींद, सुबह किए ऐसे ट्टीट,जानें क्या है पूरी वजह
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में एनडीए के हिस्सा बने लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान (Janashakti Party President Chirag Paswan) को दो चीजों को लेकर टेंशन है। पहली तो उनके पिता व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की लगातार खराब हो रही तबियत और दूसरी बिहार चुनाव में एनडीए से सीट शेयरिंग का फंसा पेंच। दरअसल रामविलास पासवान का इलाज पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। जहां कल उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई थी। देर रात उनके हार्ट की सर्जरी की गई। वहीं, सुबह 5 बजे ही इसकी जानकारी चिराग ने अपने ट्टीट पर दी। साथ ही कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर एक बार फिर सर्जरी हो सकती है। वहीं, पार्टी से जुड़े लोगों ने बताया कि चिराग को रातभर नींद नहीं आई, वे इस समय पिता की हालत और बिहार चुनाव को लेकर बहुत परेशान हैं।
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बताते चले कि रामविलास पासवान की तबीयत ऐसे समय में बिगड़ी है जब बिहार में विधानसभा के चुनाव सिर पर है और एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन रही है। एक तरफ चिराग पासवान 42 सीट की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर कई दौर के बैठकों के बाद भी जेडीयू बीजेपी के बीच का मामला भी फंसा हुआ है। आज फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर मीटिंग के लिए पार्टी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडनवीस के साथ डिप्टी सीएम सुशील मोदी, संजय जैसवाल, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय पहुंचे हैं, जो एक दिन पहले पटना में जेडीयू नेताओं के साथ एक-एक सीट को लेकर मीटिंग कर चुके हैं।
(फोटो : चिराग और रामविलास पासवान)
बिहार में पार्टी और दिल्ली में पिता की तबियत को लेकर परेशान चिराग किसी तरह चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बताते चले कि करीब तीन दिन पहले ही चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया। इस दौरान चिराग ने सीएम नीतीश कुमार की शिकायत भी की थी। इसके बाद आगे का फैसला लेने के लिए एकदिन पहले मीटिंग भी बुलाई थी। लेकिन, पिता की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण संसदीय दल की मीटिंग को कैसिंल कर चले गए थे।
पार्टी से जुड़े लोग बता रहे हैं कि चिराग पूरी रात सोए भी नहीं हैं। वहीं, आज सुबह पांच बजे ही चिराग ने ट्टी पर लिखा, 'पिछले कई दिनो से पापा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल शाम अचानक उत्पन हुई परिस्थितियों की वजह से देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा। जरूरत पड़ने पर सम्भवतः कुछ हफ्तों बाद एक और ऑपरेशन करना पड़े। संकट की इस घड़ी में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
बताते चले कि लोजपा पहले से सीट बंटवारे में 42 सीटें चाहती हैं। क्योंकि, एनडीए के तहत वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के 42 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार एनडीए का हिस्सा जदयू भी है। जदयू की दावेदारी काफी अधिक है। ऐसे में एनडीए के तहत 2015 के बराबर लोजपा को सीटें मिलनी मुश्किल है। दूसरी ओर बात न बनने की हालत में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव है।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि एनडीए के तहत लोजपा लड़ती भी है तो उसे कौन-कौन सी सीटें मिलेंगी, यह तय नहीं है। सीटों पर ही तय होगा कि किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं। वर्ष 2015 में लोजपा को दो सीटों पर विजय मिली थी।
पिछले चुनाव में तरारी विधानसभा में लोजपा के उम्मीदवार मात्र 272 वोट से माले से हार गए थे। ऐसे में लोजपा किसी भी कीमत में तरारी सीट छोडने को तैयार नहीं है। वहीं, इस सीट पर भाजपा भी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इन्हीं सब कारणों से लोजपा के टिकट के दावेदार खासे परेशान हैं। लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की भाजपा के आला नेताओं से कई दौर की बात हुई है और यह जारी भी है।