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3 दिन से घर में भूखी पड़ी थीं 3 अनाथ बहनें, 'PM मोदी' को फोन किया और सिर के बल दौड़ते पहुंचे अफसर

भागलपुर। जैसे-जैसे लॉकडाउन के दिन गुजरते जा रहे है लोगों की समस्या गहराती जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से गरीबों के पैसे और अनाज दोनों खत्म होते जा रहा है। इसकी एक बानगी भागलपुर में देखने को मिली। जहां तीन दिनों से भूखी तीन बहनों के पास जब खाने के लिए कुछ नहीं बचा तो उन्होंने अखबार से प्रधानमंत्री कार्यालय के हेल्पलाइन 1800118797 पर फोन लगा दिया और अपनी आपबीती सुनाई।

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Asianet News Hindi
Published : Apr 03 2020, 05:13 PM IST| Updated : Apr 03 2020, 08:20 PM IST
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तीनों बहनों का फोन जाते ही पीएमओ सक्रिय हुआ और मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी। पीएमओ से फोन आते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आया और आधे घंटे के अंदर तीनों बहनों के पास पका हुआ भोजन और सूखा राशन लेकर पहुंच गया।
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पीएमओ से फोन आते ही जगदीशपुर सीओ सोनू भगत आनन-फानन में पका हुआ भोजन और सूखा राशन लेकर बड़ी खंजरपुर पहुंचे और तीनों बहनों को भोजन कराया।
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सीओ सोनू भगत ने बताया कि तीनों बहनों ने अखबार से पीएमओ हेल्पलाइन का नंबर लेकर कॉल किया था। वहां से जिला प्रशासन को इसकी सूचनी दी गई। सूचना मिलते ही 30 मिनट के अंदर तीनों बहनों तक भोजन पहुंचा दिया गया। इसके साथ ही उन्हें किसी भी आश्वयकता के लिए अपना मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया है।
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तीन दिन से भूखी तीनों बहने बरारी थाना क्षेत्र के बड़ी खंजरपुर में रहती हैं। तीनों में सबसे बड़ी गौरी कुमारी है। गौरी ने बताया कि तीन साल पहले उनके पिता सनोज रजक की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी।
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गौरी ने बताया कि मां और भाई की नौ साल पहले करंट लगने से जान चली गई थी। बताया कि वे चार बहनें है। इसमें से सबसे छोटी वाली बहन बिंदा मौसी के यहां रह रही है। (फाइल फोटो)
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गौरी ने बताया कि तीन साल पहले पिता की मौत के बाद तीनों बहनों की देखभाल का जिम्मा उनके कंधे पर आ गया। इस कारण उन्हें अपनी बढ़ाई आठवीं में ही छोड़नी पड़ी। गौरी पेट पालने के लिए अपनी बहन आशा के साथ दूसरों के घरों में काम करती है और इससे जो पैसा इकट्ठा होता है वे इससे अपना गुजारा करतीं हैं। (फाइल फोटो)
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गौरी ने अपनी पढ़ाई छोड़ने के बाद तीसरी बहन को पढ़ाना जारी रखा और वह अभी कुमकुम खंजरपुर मध्य विद्यालय में कक्षा छह की छात्रा है। (फाइल फोटो)

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