- Home
- States
- Bihar
- हर आंखों में गम, गर्व और था गुस्सा, पत्नी ने दी शहीद को आखिरी सलामी तो बेटे ने दी मुखाग्नि, रो पड़ा आसमान
हर आंखों में गम, गर्व और था गुस्सा, पत्नी ने दी शहीद को आखिरी सलामी तो बेटे ने दी मुखाग्नि, रो पड़ा आसमान
- FB
- TW
- Linkdin
शहीद सुनील की अंतिम यात्रा उनक पैतृक गांव बिहटा के तारानगर में निकली। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और वीर सुनील अमर रहे के नारे लगाए।
दानापुर से बिहटा आने के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते गए। ग्रामीणों शहीद के शव के साथ ही 300 मीटर का झंडा भी लेकर चल रहे थे।
झंड़े को बड़ी संख्या में लोगों ने थामे रखा था। भारत माता की जय। वंदे मातरम, सुनील कुमार अमर रहें। जबतक सूरज-चांद रहेगा सुनील तेरा नाम रहेगा। जैसे नारे लगते रहे।
मनेर स्थित गंगा घाट के लिए करीब 15 किलोमीटर की अंतिम यात्रा में शहीद के पार्थिव शरीर के साथ हजारों की संख्या में लोग चल रहे थे। रास्ते में लोगों ने पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए। इस दौरान लोगों ने शहीद सुनील भैया अमर रहें और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। लोगों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का नारा भी बुलंद किया।
शहीद की पत्नी रीति कुमारी ने कहा कि सरकार चीन से मेरे पति की शहादत का बदला ले। लोग चीन के सामानों का बहिष्कार करें। चीन सीमा पर हमारे सैनिकों की जान ले रहा है और पैसे कमाने के लिए यहां सामान बेच रहा है। भारत में चीन का कोई प्रोडक्ट नहीं बिकना चाहिए।
2002 में सुनील सेना में भर्ती हुए थे। 2004 में उनकी शादी सकरी निवासी रिक्की देवी के साथ हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं। 12 साल की बेटी का नाम सोनाली है। 10 और 5 साल के दो बेटों के नाम आयुष व विराट हैं। पति के शहादत की खबर मिलने के बाद से रीति देवी सदमे में हैं।
शहीद जवान की पत्नी रिक्की देवी ने कहा कि सात महीने पहले ही दो महीने की छुट्टी पर पति घर आए थे। छह जून को अंतिम बार उनकी पति से फोन पर बात हुई थी तो उन्होंने घर की जानकारी लेने के बाद वहां का माहौल ठीक होने की सूचना दी थी। कहा था कि यहां सब अच्छा है, मैं जल्द ही घर आऊंगा।
शहीद के बड़े भाई अनिल कुमार भी अवकाश प्राप्त सेना के जवान हैं। सुनील कुमार के पिता बासुदेव साव घर पर किराना की दुकान चलाते हैं, जबकि उनकी मां रुक्मिणी देवी गृहणी हैं। पिता की मौत के बाद बच्चों के साथ ही मां और बाप के आंसू नहीं रुक रहे हैं। बात-बात में स्वजन सुनील का जिक्र कर बिलख पड़ रहे हैं।