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गलवान में शहीद होने से पहले जवान ने आखिरी बार की थी पत्नी से बात, जो कहा था अब उसे याद कर रो रहे घरवाले
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शहीद सुनील कुमार के घर वालों ने कहा कि भारत-चीन सीमा में गलवन घाटी में हिंसक झड़प के बाद से ही हम लोगों को चिंता सताने लगी थी। कल रात से ही स्वजन सुनील से संपर्क करना चाह रहे थे पर उनकी कोई खबर नहीं लग पा रही थी। सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनके शहीद होने की खबर आई।
2002 में सुनील सेना में भर्ती हुए थे। 2004 में उनकी शादी सकरी निवासी रिक्की देवी के साथ हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं। 12 साल की बेटी का नाम सोनाली है। 10 और 5 साल के दो बेटों के नाम आयुष व विराट हैं। पति के शहादत की खबर मिलने के बाद से रीति देवी सदमे में हैं।
शहीद के बड़े भाई अनिल कुमार भी अवकाश प्राप्त सेना के जवान हैं। सुनील कुमार के पिता बासुदेव साव घर पर किराना की दुकान चलाते हैं, जबकि उनकी मां रुक्मिणी देवी गृहणी हैं।
पिता की मौत के बाद बच्चों के साथ ही मां और बाप के आंसू नहीं रुक रहे हैं। बात-बात में स्वजन सुनील का जिक्र कर बिलख पड़ रहे हैं।
शहीद जवान की पत्नी रिक्की देवी ने कहा कि सात महीने पहले ही दो महीने की छुट्टी पर पति घर आए थे। छह जून को अंतिम बार उनकी पति से फोन पर बात हुई थी तो उन्होंने घर की जानकारी लेने के बाद वहां का माहौल ठीक होने की सूचना दी थी। कहा था कि यहां सब अच्छा है, मैं जल्द ही घर आऊंगा।