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जिसे दिलो जान से चाहा उसी के खिलाफ खड़े हुए दिलीप कुमार, पलभर में खत्म हो गया था मधुबाला संग रिश्ता
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दोनों के बीच झगड़ा तब शुरू हुआ था जब दोनों को एक फिल्म में साथ साइन किया गया था। और यह फिल्म थी बीआर चोपड़ा की नया दौर।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म की शूटिंग आउटडोर होनी थी जिसके लिए तकरीबन 40 दिनों तक मधुबाला को शहस से बाहर रहना था, लेकिन इसके लिए मधुबाला के पिता तैयार नहीं थे। जबकि, मधुबाला इस फिल्म के काफी हिस्से की शूटिंग कर चुकी थी।
मधुबाला भी पिता के मर्जी के खिलाफ नहीं गई और आखिरकार उन्होंने फिल्म में काम करने से मना कर दिया। इसके बाद वैजयंतीमाला को इस फिल्म के लिए साइन किया गया।
मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को साइन किए जाने का यह मामला इतना बिगड़ा कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इस दौरान दिलीप कुमार ने फिल्म के डायरेक्टर का साथ दिया और मधुबाला के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। दिलीप कुमार की गवाही की वजह से न सिर्फ मधुबाला का दिल टूट बल्कि दोनों के रिश्तों में दरार आ गई।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि इस मामले के बाद जब दिलीप कुमार ने मधुबाला से शादी की बात कही थी तो उन्होंने दिलीप को अपने पिता से माफी मांगने के लिए कहा था लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं हुए और इस इस प्रेम कहानी का अंत हो गया।
दिलीप कुमार की गवाही के बाद दोनों के प्यार में कभी न मिटने वाली दूरी पैदा हो गई। हालांकि दोनों पहले से चल रही फिल्म मुगल-ए-आजम में साथ शूटिंग जरूर करते रहे थे, लेकिन साथ रहते हुए दोनों एक-दूसरे के लिए बिल्कुल अजनबी बन गए।
बता दें कि मधुबाला 11 भाई-बहनों में पांचवीं नंबर पर थीं। घर की जिम्मेदारी उठाने के लिए उन्होंने कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। 1942 में बसंत फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। 9 साल की उम्र में उन्हें बेबी मुमताज का नाम दिया गया।
मधुबाला ने नील कमल से बतौर लीड एक्ट्रेस डेब्यू किया था। मधुबाला का फिल्मी करियर बेहद सफल रहा लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ तकलीफों से भरी रही। मधुबाला ने 1949 में कमाल अमरोही की फिल्म महल में काम किया था, जो उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ था।