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घर या लॉकर में पड़ा हो Gold तो उससे कर सकते हैं मोटी कमाई, ब्याज के साथ टैक्स में भी मिलेगी छूट

बिजनेस डेस्क। आम तौर पर लोग घरों में या बैंकों के लॉकर में सोने के गहने रखते हैं। अब सुरक्षा के लिहाज से लॉकर में गोल्ड के रखने का प्रचलन बढ़ा है। लॉकर में गोल्ड सुरक्षित तो रहता है, लेकिन उस पर किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलता है। वहीं, इसके लिए बैंक चार्ज भी वसूलते हैं। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने गोल्ड मोनेटाइजेश स्कीम (Gold Monetization Scheme) शुरू की है। इस स्कीम ते तहत बैंकों में सोना रख कर अच्छा-खासा ब्याज कमाया जा सकता है। इसके साथ ही इस पर कई तरह के टैक्स की छूट का लाभ भी मिलता है। जानें इस स्कीम के बारे में।(फाइल फोटो) 

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Asianet News Hindi
Published : Oct 07 2020, 09:00 AM IST
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फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह है यह सुविधा
यह स्कीम बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की तरह है। इस स्कीम के तहत गोल्ड को डिपॉजिट करने पर मेच्योरिटी पर अच्छा-खासा ब्याज मिलता है। इसके साथ ही गोल्ड की कीमत हासिल करने का भी ऑप्शन होता है। यह मेच्योरिटी के समय सोने के बाजार भाव पर निर्भर करेगा। 
(फाइल फोटो)

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सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना बैंक में जमा करने पर उसी दर पर ब्याज मिलेगा, जिस दर पर  गोल्ड डिपॉजिट किया गया है। सोने की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह बैंक की होगी।
(फाइल फोटो)

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कौन कर सकता है निवेश
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत कोई भी भारतीय नागरिक सोने का निवेश कर सकता है। गोल्ड एफडी (Gold FD) जॉइंट आधार पर भी खोला जा सकता है। 
(फाइल फोटो)

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कितना गोल्ड कर सकते हैं जमा
इस स्कीम में कम से कम 30 ग्राम तक गोल्ड डिपॉजिट किया जा सकता है। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। गोल्ड को बार और कॉइन्स के रूप में जमा किया जा सकता है। अगर कोई गोल्ड जूलरी जमा करता है, तो उसमें स्टोन या दूसरा कोई मेटल नहीं होना चाहिए। 
(फाइल फोटो)
 

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कितने समय के लिए कर सकते जमा 
इस स्कीम के तहत गोल्ड जमा करने के लिए 1 साल से लेकर 15 साल के बीच कोई भी टर्म चुनने का विकल्प है। 1 से 3 साल की अवधि को शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) कहा जाता है। 5 से 7 साल की डिपॉजिट को मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) और 12 से 15 साल के डिपॉजिट को लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) कहा जाता है।
(फाइल फोटो)

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कितना मिलेगा ब्याज
शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) में 1 साल तक के लिए 0.50 फीसदी सालान दर से ब्याज मिलेगा। 1 से 2 साल के लिए यह ब्याज 0.55 फीसदी और 2 से 3 साल के लिए यह 0.60 फीसदी सालाना होगा।  वहीं, मीडियम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट के लिए यह ब्याज दर 2.25 फीसदी सालाना होगा। शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट  (STBD) के लिए मूल और ब्याज गोल्ड के मद में ही होगा। वर्तमान में  मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट ( MTGD) और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) के तहत मूल को रुपए में माना जाता है। इस पर हर साल 31 मार्च को सालाना तौर पर ब्याज कैलकुलेट किया जाएगा। मेच्योरिटी पर क्युमुलेटिव ब्याज का भी विकल्प होगा।
(फाइल फोटो)
 

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और क्या होंगे विकल्प
गोल्ड डिपॉजिटर के पास सालाना ब्याज हासिल करने के लिए दो विकल्प होंगे। वह हर साल के अंत में ब्याज से सकता है या फिर मेच्योरिटी के समय  ब्याज ले सकता है। गोल्ड डिपॉजिट करते वक्त ही इनमें से कोई एक विकल्प चुनना होगा। इसमें डिपॉजिटर को प्रीमेच्योर विड्रॉल का भी विकल्प मिलेगा। शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBF) के तहत 1 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसके बाद एक मामूली पेनल्टी देने के बाद विड्रॉल किया जा सकता है। मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट   (MTGD) के तहत 3 साल के बाद ब्याज पर पेनल्टी देने के बाद कभी भी विड्रॉल किया जा सकता है। लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) के तहत 5 साल के बाद ब्याज पर पेनल्टी देने के बाद कभी भी विड्रॉल किया जा सकता है।
(फाइल फोटो)
 

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टैक्स में छूट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की इस स्कीम की एक सबसे खास बात ये है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम पर कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax), वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) या इनकम टैक्स (Income Tax) की छूट मिलती है। अगर डिपॉजिट किए गए गोल्ड का भाव बढ़ भी जाता है तो इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं देना होगा। ब्याज से होने वाली कमाई पर भी यह लागू नहीं होगा। मेच्योरिटी पर डिपॉजिटर को ठीक उसी रूप में सोना मिलेगा, जिस रूप में उसने डिपॉजिट किया है। हालांकि, जूलरी के मामले में इसे गलाकर पीवीसी द्वारा एनालाइज किया जाता है।
(फाइल फोटो)

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