Loan Moratorium: जानें नए फैसले से किसे होगी कितनी बचत, किसे मिलेगा फायदा
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मिलेगा कैशबैक
सरकार की इस योजना के तहत लोन लेने वालों को कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट के बदले मार्च और अगस्त के बीच 6 महीने की अवधि के लिए अपनी लोन राशि पर साधारण ब्याज का ही भुगतान करना होगा। अगर लोन लेने वालों ने समय पर अपनी ईएमआई (EMI) चुकाई है, तो उन्हें बैंक की ओर से कम्पाउंड इंटरेस्ट रेट और सिंपल इंटरेस्ट रेट के अंतर के बराबर की राशि का कैशबैक मिलेगा।
(फाइल फोटो)
किन्हें मिलेगी ब्याज पर ब्याज से छूट
एमएसएमई लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल लोन, पर्सनल लोन और कंजम्पशन लोन स्कीम के तहत कर्ज लेने वालों को ब्याज पर ब्याज चुकाने से छुट मिलेगी। हालांकि, लोन की रकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 29 फरवरी, 2020 तक लोन अकाउंट स्टैंडर्ड होना चाहिए।
(फाइल फोटो)
कितना अमाउंट होगा खाते में जमा
इस स्कीम के तहत कम्पाउंड ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का अंतर 1 मार्च, 2020 और 31 अगस्त, 2020 के बीच की अवधि के लिए कस्टमर के लोन अकाउंट में जमा किया जाएगा। 29 फरवरी, 2020 को ब्याज दर के अनुसार इसका कैलकुलेशन किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लेने वालों को यह सुविधा मिलेगी। यह पेमेंट ग्राहक के लोन अकाउंट में किया जाएगा। अगर किसी ने मोरेटोरियम का ऑप्शन नहीं भी चुना है तो भी उसे कैशबैक मिलेगा।
(फाइल फोटो)
25 लाख के होम लोन पर कितनी बचत
अगर किसी ने 25 लाख का होम लोन लिया है, तो ब्याज दर 8 फीसदी सालाना होगी। मोरेटोरियम अवधि 6 महीने और कम्पाउंड इंटरेस्ट 101682 रुपए होगा। इस पर सिंपल इंटरेस्ट 100000 रुपए होगा और ब्याज की बचत 1682 रुपए होगी।
(फाइल फोटो)
2 करोड़ के होम लोन पर
2 करोड़ रुपए को होम लोन पर ब्याज दर 8 फीसदी सालाना होगी। मोरेटोरियम अवधि 6 महीने और कम्पाउंड इंटरेस्ट 813452 रुपए होगा। सिंपल इंटरेस्ट 800000 रुपए होगा और ब्याज की बचत 13452 रुपए होगी।
(फाइल फोटो)
क्या है लोन मोरेटोरियम
कोरोनावायरस महामारी के दौर में देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इससे बहुत से लोगों की इनकम काफी प्रभावित हुई। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। इसके तहत लोन पर हर महीने दी जाने वाली ईएमआई को टालने का ऑप्शन कर्जदारों को मिला था। यह सुविधा 6 महीने के लिए मार्च से अगस्त 2020 के लिए दी गई थी।
(फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ब्याज माफी
इस सुविधा के तहत जिन लोगों ने 3 महीने या 6 महीने का मोरेटोरियम लिया था, उन्हें इस अवधि के लिए आगे ब्याज पर ब्याज जमा करने के लिए कहा गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इसमें कहा गया कि अगर ब्याज पर ब्याज लिया जाना है तो सुविधा देने का क्या फायदा हुआ। इससे तो कर्जदारों पर दोहरी मार पड़ी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद सरकार ने ब्याज पर ब्याज माफी का ऐलान किया।
(फाइल फोटो)