- Home
- Business
- Money News
- नया नियम लाने की तैयारी कर रही है सरकार, सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम, 3 दिन की हो सकती है छुट्टी
नया नियम लाने की तैयारी कर रही है सरकार, सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम, 3 दिन की हो सकती है छुट्टी
| Published : Feb 09 2021, 12:48 PM IST / Updated: Feb 09 2021, 02:03 PM IST
नया नियम लाने की तैयारी कर रही है सरकार, सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम, 3 दिन की हो सकती है छुट्टी
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
16
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, इन तीनों शिफ्टों को सेकर कंपनियों और कर्मचारियों पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। इसमें लचीलेपन का रुख होगा। श्रम सचिव अपूर्वा चंद्रा के मुताबिक वर्क कल्चर में आ रहे बदलाव के कारण यह नया नियम बनाया जा रहा है। यह प्रावधान लेबर कोड का एक हिस्सा होगा। एक बार जब ये नए नियम लागू हो जाएंगे तो कंपनियों को 4 या 5 दिन के कामकाजी सप्ताह के लिए सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं रहेगी। (फाइल फोटो)
26
श्रम सचिव का कहना है कि नया कामकाजी सप्ताह शुरू करने के पहले कंपनियों को कर्मचारियों को छुट्टी देनी होगी। अगर कंपनियां 4 दिन का वर्किंग वीक चुनती हैं, तो कर्मचारियों को 3 दिन की छुट्टी देनी होगी। वहीं, अगर वे 5 दिन का वर्किंग वीक चुनती हैं, तो 2 दिन की छुट्टी देनी होगी। (फाइल फोटो)
36
एक्सपर्ट्स का मानना है कि नया लेबर कोड लागू हो जाने के बाद कंपनियों के पास 8 से लेकर 12 घंटे का काम का दिन चुनने का ऑप्शन होगा। कंपनियां मांग, इंडस्ट्री और लोकेशन के हिसाब से वर्कडे का चुनाव कर सकती हैं। (फाइल फोटो)
46
बताया जा रहा है कि इस नए नियम के लागू होने से कंपनियों को फायदा होगा। उनके ऑफिस के किराए के खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा, स्टाफ भी ज्यादा एक्टिव और प्रोडक्टिव होगा। इसकी वजह यह है कि ज्यादा दिनों की छुट्टी मिलने से वे दूसरी गतिविधियों के लिए समय निकाल पाएंगे और उनका तनाव कम होगा। (फाइल फोटो)
56
एक्सपर्ट्स का मानना है कि वर्कडे से जुड़े नए नियमों से आईटी और शेयर्ड सर्विसेस जैसे सेक्टर्स को ज्यादा फायदा होगा। साथ ही, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेस से जुड़े 20 से 30 फीसदी कर्मचारी सप्ताह में 4 या 5 दिन काम का शिफ्ट चुन कर वीकेंड पर लंबी छुट्टी ले सकते हैं। (फाइल फोटो)
66
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि 1 दिन में 12 घंटे की शिफ्ट से चलने वाली कंपनियां 2 शिफ्ट ही चला सकेंगी। इससे रोजगार के अवसरों में कमी आ सकती है। इसके साथ ही लंबी शिफ्ट में काम करने से कर्मचारियों के काम की क्वालिटी और हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। (फाइल फोटो)