MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Business
  • Money News
  • 160 KM की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें तो बचेगा इतना समय, इस वित्त वर्ष तक 12 निजी ट्रेनों को चलाने की योजना

160 KM की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें तो बचेगा इतना समय, इस वित्त वर्ष तक 12 निजी ट्रेनों को चलाने की योजना

बिजनेस डेस्क। भारत सरकार जल्दी ही प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। इसे लेकर सारी योजना तैयार की जा चुकी है। देश में 12 प्राइवेट ट्रेनों के सेट का परिचालन वित्त वर्ष 2023 से शुरू हो जाएगा। रेलवे की योजना वित्त वर्ष 2027 तक देश में 151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की है। ये ट्रेनें 160 किमी की रफ्तार से चलेंगी और यात्रा में समय की बचत होगी। इसके अलावा इनमें और भी कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया मार्च, 2021 तक पूरी कर ली जाएगी। यह जानकारी रेलवे से जुड़े सूत्रों ने दी है। 

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jul 20 2020, 03:22 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
18

पीपीपी मॉडल पर होग निजीकरण
जानकारी के मुताबिक, रेलवे की योजना पीपीपी मॉडल पर 5 फीसदी ट्रेनों के निजीकरण की है। कहा गया है कि बाकी 95 फीसदी ट्रेनें रेलवे द्वारा ही चलाई जाएगी। 

28

कैसे और कब शुरू होंगी ट्रेनें
बताया गया है कि सबसे पहले वित्त वर्ष 2023 में 12 प्राइवेट ट्रेनें शुरू की जाएंगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 में 45 और प्राइवेट ट्रेनें बढ़ाई जाएंगी।

38

अगले वित्त वर्ष में और बढ़ेगी संख्या
अगले वित्त वर्ष यानी 2025-26 में 50 और प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा। इसके अगले वर्ष 44 निजी ट्रेनें और शामिल की जाएंगी। इस तरह, वित्त वर्ष 2026-27 तक कुल 151 प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जााएगा।

48

मार्च 2021 तक टेंडर
इस संबंध में 8 जुलाई  को योग्यता के लिए अनुरोध (RFQ) जारी कर दिया गया है, जिसे नवंबर तक फाइनल किया जा सकता है। फाइनेंशियल बिडिंग को मार्च 2021 तक खोला जाएगा। 31 अप्रैल 2021 तक बिडर्स के चयन किए जाने का अनुमान जाहिर किया गया है। रेलवे के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक, कुल आय में अधिकतम हिस्सेदारी की पेशकश करने वाले बोलीदाताओं को प्रोजेक्ट दिया जाएगा।

58

किराया और स्पीड
जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत में ही किया जाएगा। इन ट्रेनों का किराया एसी बस और हवाई जहाज के किराए को ध्यान में रखते हुए तय किया जाएगा। 
 

68

स्पीड और टेक्नोलॉजी में आएगा बदलाव
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, पैसेंजर ट्रेन परिचालन में निजी कंपनियों के आने से ट्रेनों को तेज गति से चलाया जा सकेगा और ट्रेन की बोगी की टेक्नोलॉजी में बदलाव आएगा। रेलवे का कहना है कि 70 फीसदी प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इनकी गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे हो, इसे ध्यान में रखते हुए इन्हें डिजाइन किया जाएगा। 

78

बढ़ेगी रेलवे की कमाई
जानकारी के मुताबक, इन प्राइवेट ट्रेनों को 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलाने पर यात्रा के समय में 10 से लेकर 15 फीसदी समय की बचत होगी। ये ट्रेनें अगर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं तो यात्रा के समय में 30 फीसदी तक की बचत होगी। 151 प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन से रेलवे को हर साल करीब 3,000 करोड़ रुपए किराए के रूप में मिलने की उम्मीद है। 

88

जुर्माने का प्रावधान
इन प्राइवेट ट्रेनों का रख-रखाव और संचालन भारतीय रेलवे के मानकों के अनुसार ही किया जाएगा। निजी कंपनियों द्वारा ट्रेनों के संचालन में समय की पाबंदी, विश्वसनीयता और ट्रेनों के रख-रखाव में भारतीय रेलवे के मानकों का पालन करना जरूरी माना जाएगा। ऐसा करने में अगर संचालन करने वाली कंपनियां सफल नहीं रहती हैं, तो उसके लिए जुर्माने का प्रावधान भी रखा जाएगा।    

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved