- Home
- Career
- Education
- 23 साल की उम्र में लड़ाकू विमान उड़ाएगी जम्मू-कश्मीर की बेटी, फ्लाइंग ऑफिसर बन बढ़ाया देश का मान
23 साल की उम्र में लड़ाकू विमान उड़ाएगी जम्मू-कश्मीर की बेटी, फ्लाइंग ऑफिसर बन बढ़ाया देश का मान
करियर डेस्क : इंदिरा गांधी से लेकर कल्पना चावला तक भारत की कई बेटियों ने देश का नाम अलग-अलग क्षेत्रों में रोशन किया। अब इस लिस्ट में 23 साल माव्या सूदन भी शामिल हो गई हैं। दरअसल, जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले की रहने वाली माव्या सूदन (Mawya Sudan) ने इतिहास रच दिया है। वह भारतीय वायु सेना (IAF) में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पहली महिला पायलट (Fighter Pilot) बनी हैं। बता दें कि माव्या ने पिछले साल ही वायु सेना का एंट्रेंस एग्जाम पास किया था वह आईएएफ में शामिल होने वाली 12वीं महिला अफसर है। आज हम आपको बताते हैं माव्या की सक्सेस स्टोरी...
| Published : Jun 21 2021, 01:37 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
बचपन का सपना किया पूरा
कहते हैं ना खुदी को कर बुलंद इतना कि खुदा भी बंदे से पूछे कि बोल तेरी रजा क्या है ? कुछ ऐसी ही रजा 23 साल की माव्या सूदन की भी थी। जिसने बचपन से ही एक फाइटर पायलट बनने का सपना देखा था। स्कूल के दिनों से ही माव्या एयरफोर्स में जाना चाहती थी और आज उसका यह सपना पूरा हो गया।
पासिंग आउट परेड में शामिल
हैदराबाद के डुंडिगल वायुसेना अकादमी में शनिवार को हुए पासिंग आउट परेड में माव्या सूदन इकलौती महिला फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुईं। उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी इस कामयाबी के बाद सिर्फ उनके घर वाले ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को उन पर गर्व है।
पिता बोले- पूरे देश की बेटी
माव्या के पिता विनोद सूदन अपनी बेटी की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं। वह कहते हैं कि 'मेरी बेटी सिर्फ मेरी ही नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटी है। आज मैं बहुत खुश हूं मेरे लिए खासकर एक बेटी के पिता के लिए गर्व का क्षण है।'
गर्व से चौड़ा हुा मां की सीना
वहीं, काव्या की मां सुषमा सूदन ने बताया कि 'मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।' माव्या को अपनी मेहनत का फल मिला है उसे शुरू से ही एयरफोर्स में जाना था और इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की। माता-पिता के साथ ही माफिया की दादी पुष्पा देवी भी बेहद खुश हैं।
आसान नहीं थी ट्रेनिंग
बता दें कि, लड़ाकू विमान चलाना बेहद कठिन होता है लेकिन माव्या सूदन ने अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ते हुए इसे पूरा किया। उन्होंने 1 साल से ज्यादा समय तक लड़ाकू विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ली। इस दौरान उन्होंने सुपरसोनिक फाइटर जेट पर प्रैक्टिस की।
इन महिलाओं ने बढ़ाया भारत का मान
माव्या सूदन भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाली 12वीं एयरफोर्स पायलट हैं। उनसे पहले 2016 में बिहार के बेगूसराय के रहने वाली भावना कंठ को वायु सेना में लड़ाकू विमान उड़ाने का पहला सौभाग्य मिला था उनके साथ ही अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह भी फाइटर पायलट बनी थीं। अवनी जहां मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं तो वहीं मोहना गुजरात के वडोदरा की हैं।