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- 9 साल की नन्ही योद्धा ने फतेह की माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी, धाकड़ छोरी के इरादों को आप भी करेंगे सैल्यूट
9 साल की नन्ही योद्धा ने फतेह की माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी, धाकड़ छोरी के इरादों को आप भी करेंगे सैल्यूट
करियर डेस्क. Ritwika Shree Success Story: ये भारत है जहां नन्हे-मुन्हे बच्चे भी कमाल कर जाते हैं। अब आंध्र प्रदेश के ग्रामीण इलाके की एक 9 साल की बच्ची ने अनोखा कारनामा कर दिया। उसने अपने नाम एक ऐसी उपलब्धि कर ली है जिसे सुन कोई भी दंग रह जाए। भला इतना छोटा बच्चा किसी देश-द्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ सकता है? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दूसरी क्लास में पढ़ने वाली इस लड़की ने तंजानिया में माउंट किलिमंजारो पर्वत चोटी को फतह कर लिया। वो सबसे कम उम्र की पर्वतारोही भी हैं। आपको बता दें कि, माउंट किलिमंजारो अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है। इस चोटी पर ये मासूम लड़की तिरंगा फहरा आई।
| Published : Mar 01 2021, 05:06 PM IST / Updated: Mar 01 2021, 05:12 PM IST
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अनंतपुर की रहने वाली ऋत्विका श्री ये उपलब्धि हासिल करने वाली एशिया की सबसे छोटी उम्र वाली लड़की बन गई हैं। दुनिया में सबसे छोटी उम्र में ये उपलब्धि हासिल करने में ऋत्विका दूसरे नंबर पर हैं।
माउंट किलिमंजारो को फतह करते वक्त ऋत्विका के पिता गाइड के तौर पर उनके साथ मौजूद रहे। ऋत्विका समुद्र स्तर से 5,681 मीटर की ऊंचाई पर गिलमैन्स पाइंट तक चढ़ाई की। ऋत्विका के पिता क्रिकेट कोच और स्पोर्ट्स कोऑर्डिनेटर भी हैं।
ऋत्विका ने तेलंगाना में भोंगिर के रॉक क्लाइम्बिंग स्कूल में शुरुआती ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने लद्दाख में लेवल 2 ट्रेनिंग ली।
ऋत्विका की इस कामयाबी से खुश होकपर अनंतपुर के DM गंधम चंद्रुडू ने एक ट्वीट के जरिए उसे बधाई दी। उन्होंने लिखा- “अनंतपुर की ऋत्विका श्री को माउंट किलिमंजारो पर विजय हासिल करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे छोटी और एशिया की सबसे छोटी लड़की बनने के लिए बधाई। तुमने तमाम मुश्किलों के बावजूद अवसरों को पकड़ा. दूसरों को प्रेरणा देती रहें।”
लेकिन मुद्दा यही है कि इतनी छोटी उम्र में उसने खेल-कूद मोबाइल गेम छोड़ अपने इस हौसले और मोटिवेशन को कैसे बनाए रखा।
दरअसल उसके पिता ने उसे पर्वतारोही बनने की ट्रेनिंग दी है जिसके बलबूते आज ये लड़की देशभर में छा गई। नन्ही योद्धा ने अपने मजबूत इरादों से हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और बर्फीले तूफानों को भी हरा दिया और माउंट किलिमंजारो पर तिंरगा फहराकर फोटो खिंचवाईं। यहां उसके हाथों में तिरंगे के साथ संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर की तस्वीर भी थी।