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देश का मान बढ़ाने वाले NRI में शामिल हैं सुंदई पिचाई, जानिए कैसे मामूली परिवार से निकल बने गूगल CEO

करियर डेस्क. दोस्तों आज भारत दुनियाभर में विज्ञान, कला-संस्कृति, राजनीति से लेकर टेक्नोलॉजी तक में शीर्ष पर आ चुका है। देखा जाए तो काफी हद तक देश का मान बढ़ाने में प्रवासी भारतीयों ने अपना योगदान दिया है। सैकड़ों देशों में बसे प्रवासी भारतीय (NRI) विज्ञान, टेक्नोलॉजी फिल्म, कला आदि में अपना बेस्ट दे रहे हैं। सत्या नडेला, नरिन्दर सिंह कापणी, लक्ष्मी मित्तल, इंदिरा नुई, अमर्त्य सेन, मीरा नायर और सुदंर पिचाई जैसे योद्धाओं ने भारत का नाम रोशन किया है। इनके सम्मान में ही हर साल भारत में 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Diwas) मनाया जाता है। आज हम आपको NRI Day 2021 पर सुंदर पिचाई (Sunder Pichai) के जीवन की कहानी प्रेरणात्मक कहानी सुना रहे हैं-      

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Asianet News Hindi
Published : Jan 05 2021, 04:26 PM IST| Updated : Jan 06 2021, 10:49 AM IST
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सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) को पूरी दुनिया गूगल के CEO के रूप में जानती है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि इस कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई भारतीय हैं। आइए जानते हैं कैसे पिचाई ने गूगल सीईओ तक का पद हासिल किया।

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सुंदर पिचाई भारत में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जन्में हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई चेन्नई स्थित जवाहर विद्यालय से हुई है। इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर में बीटेक (B.Tech) की डिग्री ली। यहां से पढ़ाई कर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस (M.S.) किया और बाद में पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वार्टन स्कूल से एसबीए (MBA) की डिग्री ली। सुंदर पिचाई को इंजीनियरिंग करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली थी।

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गूगल में नौकरी करने से पहले उन्होंने सॉफ्टवेयर कंपनी एप्लाइड मैटेरियल्स और मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी में इंजीनियर के रूप में भी काम किया है। बचपन में सुंदर पिचाई चेन्नई के एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, 'मेरा जीवन साधारण रहा है। उनका परिवार दो कमरों के एक मकान में रहता था, घर बेहद मामूली था जिसे किराए पर भी लगाया गया था। 

 

 

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पिचाई कहते हैं, मैं और मेरा परिवार जमीन पर ही सोते थे। उन्होंने बताया हमारे पास फ्रिज नहीं था। दूसरे घरों में रेफ्रिज़रेटर थे जिसका हमें बढ़ा कौतहूल रहता था। लेकिन बाद में हमारे यहां रेफ्रिजरेटर आया जो मेरे और परिवार के लिए बहुत बड़ी बात थी। उन्होंने चेन्नई में अपने माता-पिता को करोड़ों की लागत वाला एक मकान खरीदकर दिया। 

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पिचई को बचपन से ही टेक्नोलॉजी को लेकर एक जुनून सा था। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर खड़गपुर में एडमिशन ले लिया। यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई (1989-93) के दौरान वे हमेशा अपने बैच के टॉपर रहे।

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साल 2004 था जब सुंदर पिचाई ने गूगल में नौकरी शुरू की। उनकी बतौर प्रोडक्ट मैनेजर नियुक्ति हुई थी। यहां उनका काम गूगल के क्रोम ब्राउजर और ऑपरेटिंग सिस्टम की टीम को लीड करना था। वे अच्‍छे टीम लीडर माने जाते हैं। साथ ही वह बहुत ही प्रतिभाशाली और क्रिएटिव हैं। साल 2008 में उन्हें प्रोडक्ट डेलवपमेंट का वाइस प्रेसिंडेट बनाया गया। जिसके बाद 2015 में उन्हें गूगल का सीईओ बनाया गया। वह आज गूगल के लिए एक जाना पहचाना चेहरा बन गए हैं। 15 साल के करियर में सुंदर ने गूगल में कई बदलाव होते हुए देखे हैं।

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पत्नी की सलाह पर नहीं छोड़ी कंपनी 

 

गूगल का सीईओ बनने से पहले माइक्रोसाफ्ट के सीआईओ बनने की रेस में भी पिचाई का नाम शामिल था लेकिन बाद में उनकी जगह सत्य नडेला को चुना गया। बीच में ट्विटर ने भी उनको अपने पाले में करने का प्रयास किया था लेकिन जानकारों के मुताबिक, गूगल ने 10 से 50 लाख मिलियन डालर का बोनस देकर उनको कंपनी में बने रहने पर सहमत कर लिया था।

 

उस समय सुंदर पिचाई ने गूगल छोड़ने का पूरा मन बना लिया था। लेकिन उनकी पत्नी अंजलि ने उन्हें गूगल न छोड़ने की सलाह दी। सुंदर ने अंजलि की बात मानकर गूगल में ही रहने का मन बना लिया।
 

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पिता की 1 साल की सैलरी खर्च कर खरीदा अमेरिका का टिकिट

 

सुंदर पिचाई ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि 27 साल की उम्र में वो भारत छोड़कर अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिव​र्सिटी में पढ़ने आये थे। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता ने अपनी एक साल की कमाई के बराबर रकम मेरे टिकट पर खर्च किया था ताकि मैं स्टैनफोर्ड में पढ़ सकूं।

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एक मिनट के फोन कॉल के लिए 2 डॉलर खर्च किये

 

पिचाई ने बताया, अमेरिका बहुत महंगा देश था। भारत में एक मिनट के फोन कॉल के लिये 2 डॉलर खर्च करने पड़ते थे। एक बैगपैक की कीमत मेरे पिता के महीने भर की सैलरी के बराबर थी। इस वजह से वो परिवार और पत्नी से काफी दिनों तक बात नहीं कर पाते थे। 
 

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कॉलेज गर्लफेंड से की शादी 

 

सुंदर पिचाई की पत्नी का नाम अंजलि है। दोनों की कॉलेज टाइम से ही लव स्टोरी रही है। फाइनल ईयर में पिचाई ने उन्हें प्रपोज किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी लॉन्ग-टाइम गर्लफ्रेंड से शादी कर ली। ये शादी रीति-रिवाजों के साथ हुई। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पैसे न होने की वजह से सुंदर पिचाई अंजलि से फोन पर बात नहीं कर पाते थे। खुद सुंदर पिचाई ने बताया था, "पैसे की कमी की वजह से उनकी महीनों तक अंजलि से बात नहीं हो पाती थी, क्योंकि उस समय फोन कॉल बेहद महंगे थे। दोनों के दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।

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सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ हैं। सीईओ सुंदर पिचाई को 2019 में कुल 28.1 करोड़ डॉलर यानी 2,144.53 करोड़ रुपये की सैलरी मिली। मार्केटवाच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय जब पिचाई को गूगल के सीईओ बने थे तब उनका वेतन लगभग 200 मिलियन तक पहुंच गया था। 

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पिचाई के बारे में कुछ रोचक बातें- 

 

पिचाई एक अच्छे क्रिकेटर भी हैं। उन्होंने हाई स्कूल क्रिकेट टीम में कप्तानी करते हुए तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीता था। पिचाई को साइबल स्कॉलर और पामर स्कॉलर उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी यादाश्त बहुत शार्प है उनके करीबी लोग 1984 के भूले हुए टेलीफोन नंबर पूछते हैं तो सुंदर आज भी बता देते हैं। अमेरिकी मीडिया में उन्हें मृदुभाषी, कम मशहूर और लैरी पेज के दाएं हाथ के रूप में बताया गया। 

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पिचाई ने क्रोम वेब ब्राउजर लांच किया और साल भर में वेब बेस्ड क्रोम ओएस भी नेटबुक्स के लिए लांच किया है। 2012 में गूगल एप्स को संभाला और साल भर में एंड्रायड का पदभार भी संभाला था। जीमेल, गूगल मैप एप्स बनाए, गूगल के सभी उत्पादों के लिए एंड्रायड एप भी तैयार किए। 
 

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