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इस हीरोइन से शादी करने गोविंदा ने तोड़ी थी मंगेतर से सगाई, लेकिन 1 वजह से सबकुछ रह गया धरा का धरा
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गोविंदा अपनी प्रोफेशनल लाइफ की तरह ही पर्सनल लाइफ में भी काफी चर्चा में रहे। आज भले ही वो पत्नी सुनीता और दो बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहे हों लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब वे नीलम को दिलो जान से चाहते थे।
प्रोड्यूसर प्राणलाल मेहता के ऑफिस में गोविंदा ने नीलम को पहली बार देखा था। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था- उस वक्त नीलम ने व्हाइट कलर की शॉर्ट्स पहन रखी थीं। उनके लंबे बाल देखकर ऐसा लगा जैसे वो कोई परी हों। मैं सेट पर उन्हें जोक्स सुनाकर खूब हंसाता था। हम मिलने लगे और धीरे-धीरे मैं नीलम को पसंद करने लगा। उनके प्रति मेरा झुकाव भी बढ़ने लगा। वो एक ऐसी लेडी थीं, जिन्हें प्यार किए बिना कोई नहीं रह सकता था।
गोविंदा, नीलम से बेइंतहा प्यार करते थे, लेकिन नीलम की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं था। हालांकि, गोविंदा ने भी कभी नीलम के सामने अपने प्यार का इजहार नहीं किया था। बावजूद इसके वे उन्हें चाहते थे, उन्हें ही अपने लिए परफेक्ट मानते थे। साथ ही उन्हें ये भी लगता था कि नीलम के लिए शायद ही दुनिया में उनसे बेहतर कोई और बना है।
कहा जाता है कि गोविंदा, नीलम से ही शादी करना चाहते थे। हालांकि, गोविंदा की मां चाहती थीं कि वे डायरेक्टर आनंद सिंह की साली यानी सुनीता (वर्तमान में गोविंदा की वाइफ हैं) से शादी करें। चूंकि गोविंदा कभी मां की बात नहीं टालते थे, इसलिए उन्होंने नीलम को छोड़ सुनीता से शादी कर ली।
खबरों की मानें तो गोविंदा को जब नीलम से प्यार हुआ तो वो सुनीता को डेट कर रहे थे और दोनों की सगाई भी हो चुकी थी। लेकिन, नीलम से नजदीकियां बढ़ने के बाद गोविंदा ने सुनीता से सगाई तक तोड़ दी थी।
गोविंदा ने मां के कहने पर 1987 में सुनीता से शादी तो कर ली लेकिन वो नीलम को भुला नहीं पाए थे। गोविंदा ने 1990 में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अपनी शादी के बाद भी वो नीलम को भूले नहीं थे।
उन्होंने नीलम से अपनी शादी की बात छुपाकर रखी। ऐसा इसलिए कि वे नीलम के साथ फिल्मों में अपनी हिट जोड़ी तोड़ना नहीं चाहते थे। हालांकि, अपनी इस हरकत पर उन्हें अफसोस भी हुआ था। उन्हें बाद में लगा कि नीलम से उन्हें खुद की शादी की बात नहीं छुपानी चाहिए थी।
बता दें कि फिल्म इल्जाम (1986) गोविंदा की पहली रिलीज फिल्म थी, जिसमें नीलम उनकी को-स्टार थीं। जब गोविंदा पहली बार नीलम से मिले थे, तो उनकी सादगी पर इतने फिदा हो गए थे कि उन्होंने उनकी पहली फिल्म जवानी (1984) कई बार देखी थी।
गोविंदा और नीलम ने फिल्म 'लव 86' (1986), 'खुदगर्ज' (1987), 'सिंदूर' (1987), 'हत्या' (1988), 'घराना' (1989), 'दोस्त गरीबों का' (1989), 'दो कैदी' (1989), 'फर्ज की जंग' (1989), 'बिल्लू बादशाह' (1989), 'ताकतवर' (1989), 'जोरदार' (1996) में साथ काम किया।